यह आजादी नहीं, मनमानी है, इसका अंतर समझें
आजादी के 72 साल पूरे हो चुके हैं. इन 72 वर्षों में हमने कई ऊंचाइयां पायी हैं. इस दुनिया के सामने हमने कई उदाहरण प्रस्तुत किये हैं. इसके लिए हमने न जाने कितनी रातों की नींदें जाया की हैं, लेकिन इन सब के साथ हम अपने आम जीवन में कुछ ऐसी हरकतें कर जाते हैं, […]
आजादी के 72 साल पूरे हो चुके हैं. इन 72 वर्षों में हमने कई ऊंचाइयां पायी हैं. इस दुनिया के सामने हमने कई उदाहरण प्रस्तुत किये हैं.
इसके लिए हमने न जाने कितनी रातों की नींदें जाया की हैं, लेकिन इन सब के साथ हम अपने आम जीवन में कुछ ऐसी हरकतें कर जाते हैं, जो हमें शर्मिंदा कर देती हैं. ये हरकतें हम खुद ही करते हैं. वहीं, इन हरकतों को हम अपनी आजादी मान लेते हैं.
दरअसल, हम जिसे अपनी आजादी समझते हैं, वह हमारी मनमानियां होती हैं. आजादी के जब हम 73वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब हमें आजादी और मनमानी के बीच का अंतर समझने की जरूरत है. आये दिन हम बिना हेलमेट पहने बाइक चलाते हैं. खुले में पेशाब कर देते हैं. जहां-तहां सड़कों के किनारे गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, और अपनी इस हरकत हो हम आजादी समझते हैं.