राजधानी में रेंग रहा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम

ऑटो और इ-रिक्शा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दिखा रहे ठेंगा, लोगों को हो रही है परेशानी रांची : राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम रेंग रहा है. सड़कों पर वाहनों की बड़ी तादाद सभी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. कुछेक जगहों को छोड़ दें, तो अधिकांश जगहों पर फुटपाथ तक नहीं है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 12:56 AM
ऑटो और इ-रिक्शा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दिखा रहे ठेंगा, लोगों को हो रही है परेशानी
रांची : राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम रेंग रहा है. सड़कों पर वाहनों की बड़ी तादाद सभी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. कुछेक जगहों को छोड़ दें, तो अधिकांश जगहों पर फुटपाथ तक नहीं है. इससे आमलोगों का सड़क किनारे पैदल चलना मुश्किल हो गया है. वहीं आॅटो और इ-रिक्शा चालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. आड़े-तिरछे ऑटो और इ-रिक्शा खड़ा कर चालक ट्रैफिक को रोज ठेंगा दिखाते हैं.
कांटाटोली चौक, लालपुर चौक, ओवरब्रिज के बीचोबीच, सुजाता चौक के समीप, थड़पकना सहित अन्य जगहों पर ऑटो व इ-रिक्शा चालकों की मनमानी देखी जा सकती है. रांची शहरी क्षेत्र की सड़कें अपनी क्षमता से कई गुना ज्यादा वाहनों का भार ढो कर पहले से ही कराह रही हैं.
ऊपर से बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था हर किसी के लिए परेशानी का सबब बन गयी है. फिलवक्त कांटाटोली में बने डायवर्सन के हिचकोले भी लोगों को रोज परेशान कर रहे हैं. इस ओर ध्यान दिलाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. शहर में करीब 2400 इ-रिक्शा व 2500 के आसपास ऑटो चलते हैं. इसके अलावा लोगों का निजी वाहन, टैक्सी आदि शामिल है.
हर दिन करीब 15 लाख लोगों का मूवमेंट
रांची शहरी क्षेत्र की आबादी करीब 14 लाख है. वहीं रांची शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा दूसरे जिलों व राज्यों से करीब 15 लाख लोगों का मूवमेंट रोजाना सड़कों के जरिये एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए होता है.
इनमें 50 परसेंट लोग ऑटो व इ-रिक्शा से आना-जाना करते हैं. क्योंकि हर रूट में सिटी बस की सुविधा नहीं है. करीब 400 बसों की आवश्यकता सिटी सर्विस को प्रभावी बनाने के लिए चाहिए. पहले से शहर में 70 सिटी बसें थीं. रांची नगर निगम ने 3.25 करोड़ से 26 नयी बसें खरीदी, लेकिन सभी बसें सड़क पर उतर भी नहीं सकीं. पहले से जो 70 सिटी बसें चल रही थीं, उसमें से 35 खराब बतायी जाती है.
हर साल 36 हजार नयी गाड़ियां उतरती हैं
जानकार बताते हैं हर माह करीब तीन हजार गाड़ियों का निबंधन राजधानी में होता है. यानी हर साल करीब 35-36 हजार नये वाहन सड़कों पर उतरते हैं. ऐसे में यहां की यातायात व्यवस्था का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version