रांची : जहरीली शराब पिला कर 17 की जान लेनेवाले सप्लायर प्रह्लाद सिंघानिया को उम्रकैद

सप्लायर प्रह्लाद सिंघानिया, हवलदार गौतम थापा व इंद्रभान को सजा रांची : जहरीली शराब से 17 लोगों की हुई मौत मामले में एजेसी एसपी दुबे की अदालत ने सोमवार को तीन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी है. जिन्हें सजा सुनायी गयी है, उनमें सप्लायर प्रह्लाद सिंघानिया उर्फ प्रह्लाद सिंघी उर्फ प्रह्लाद हीरानंदानी, अवैध शराब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2018 7:39 AM
सप्लायर प्रह्लाद सिंघानिया, हवलदार गौतम थापा व इंद्रभान को सजा
रांची : जहरीली शराब से 17 लोगों की हुई मौत मामले में एजेसी एसपी दुबे की अदालत ने सोमवार को तीन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी है.
जिन्हें सजा सुनायी गयी है, उनमें सप्लायर प्रह्लाद सिंघानिया उर्फ प्रह्लाद सिंघी उर्फ प्रह्लाद हीरानंदानी, अवैध शराब का विक्रेता इंद्रभान थापा अौर जैप वन के हवलदार गौतम थापा शामिल हैं. तीनों अभियुक्तों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने जुर्माने की राशि मृतकों के परिजनों को देने का निर्देश दिया है. तीनों अभियुक्तों को अदालत ने 16 अगस्त को आइपीसी की धारा 304 के तहत दोषी करार दिया था.
जज ने अपने फैसले में लिखा है कि पूरे मामले को देखने से ऐसा लगता है कि इन लोगों को मालूम था कि मेथनॉल जहर है, जिससे मृत्यु हो सकती है.
गौरतलब है कि सितंबर 2017 में करमा पर्व के अवसर पर जहरीली शराब पीने से अमित तिवारी, संदीप चौधरी अौर बिट्टू उर्फ अरविंद यादव की मौत हो गयी थी. इन तीनों ने नेपाल हाउस के पास स्थित इंद्रभान थापा की दुकान से शराब खरीद कर पार्टी की थी. शराब जहरीली होने की वजह से तीनों की तबीयत खराब हो गयी.
तीनों को इलाज के लिए पहले सदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन स्थिति बेकाबू होने पर उनको रिम्स ले जाया गया. जहां तीनों की मौत हो गयी थी. इस मामले में सुखदेवनगर थाना में चार सितंबर 2017 को मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद अलग-अलग स्थानों पर जहरीली शराब पीने से कुल 17 लोगों की मौत हो गयी थी. अभियोजन की अोर से मामले में 15 जबकि बचाव पक्ष की अोर से तीन लोगों की गवाही करायी गयी थी.अभियोजन की अोर से मामले में अपर लोक अभियोजक डीएन द्विवेदी, एके मिश्रा अौर इंदु कुमारी ने पक्ष रखा.
2017 में करमा पूजा के दिन शराब पीने से हुई थी मौत
तीनों सजायाफ्ता के खिलाफ कई अौर मामलों में सुनवाई जारी
रांची के इस बहुचर्चित कांड में 17 लोगों की मौत हुई थी. सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दिया था. तत्कालीन उत्पाद सचिव अविनाश कुमार ने कोतवाली अंचल के उत्पाद निरीक्षक राणा मोतीलाल सिंह को सस्पेंड कर दिया था. इसके अलावा डोरंडा के थानेदार उदय प्रताप सिंह अौर नामकुम के थानेदार राजेश रजक को भी सस्पेंड किया गया था.
लंबे समय से नकली शराब का धंधा करता था सिंघानिया
इस कांड का मुख्य अभियुक्त प्रह्लाद सिंघानिया लंबे समय से नकली शराब के धंधे में था. वह नकली शराब की सप्लाई राज्य के कई जगह पर करता था. पुलिस ने नामकुम स्थित उसके ठिकाने पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की थी.
शराबबंदी की ओर बढ़ने की जांच टीम ने बतायी थी जरूरत
दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त के नेतृत्व में बनी टीम ने सरकार को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी. टीम ने अपनी अनुशंसा में कहा था कि राज्य को शराबबंदी की ओर अग्रसर होना चाहिए. साथ ही वैसे सभी मादक द्रव्यों, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, उनके कारोबार पर भी रोक लगाने की जरूरत है. सिर्फ चिकित्सकीय कार्यों के लिए ही इसके उपयोग की छूट होनी चाहिए.
आयुक्त ने इसके लिए भारतीय संविधान के प्रावधानों का हवाला भी दिया था. दूसरी ओर अनुशंसा में यह भी कहा गया था कि झारखंड का सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश अलग है. लोग स्थानीय स्तर पर तैयार मदिरा का सेवन बड़े पैमाने पर करते हैं. इसलिए ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि शराबबंदी के पूर्व परंपराओं और रीति-रिवाजों पर भी विचार करना आवश्यक होगा.
वहीं धारा-52 (ए) में मौत होने पर आजीवन कारावास या फिर संभव हो तो मृत्युदंड के प्रावधानों पर कानूनी राय ली जानी चाहिए. इसके अलावा धारा 57-ए, धारा 57-बी, धारा 57-सी, धारा 57-डी, धारा 57-ई, धारा 57-एफ, धारा 57-जी, धारा 61-ए, 66 और 79 (4) मेें संशोधन पर जांच समिति ने सहमति व्यक्त की है. इसके बाद ही कानून को राज्य सरकार ने पहले की तुलना में सख्त किया था.

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