एशियन गेम्स : नौकायन में गोल्ड जीतनेवाले स्वर्ण सिंह रामगढ़ के पतरातू डैम में करते हैं प्रैक्टिस

रामगढ़ : रामगढ़ के रहनेवाले स्वर्ण सिंह के प्रदर्शन की मदद से भारत ने जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स के रोइंग में पहला स्वर्ण पदक जीता. स्वर्ण सिंह सिख रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़ में कार्यरत हैं. स्वर्ण पदक जीतने पर सेंटर समेत पूरे रेजिमेंट में हर्ष का माहौल है. देर शाम रामगढ़ वासियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2018 3:56 AM

रामगढ़ : रामगढ़ के रहनेवाले स्वर्ण सिंह के प्रदर्शन की मदद से भारत ने जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स के रोइंग में पहला स्वर्ण पदक जीता. स्वर्ण सिंह सिख रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़ में कार्यरत हैं. स्वर्ण पदक जीतने पर सेंटर समेत पूरे रेजिमेंट में हर्ष का माहौल है. देर शाम रामगढ़ वासियों को जब पता चला कि सिख रेजिमेंट सेंटर के सूबेदार स्वर्ण सिंह ने नौकायन में स्वर्ण पदक जीता है, तो शहरवासियों ने भी खुद को गौरवान्वित महसूस किया. वहीं जिले के खेलप्रेमियों में भी हर्ष का माहौल है.

झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं स्वर्ण सिंह : सूबेदार स्वर्ण सिंह 2011 में रांची में हुए 34वें राष्ट्रीय खेलों में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. तब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद 2011 में 14वीं एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य जीता. वहीं, 2012 में लंदन ओलिंपिक में पदक जीतने से वंचित रहे.2014 एशियाई खेलों में कांस्य और 2015 में 15वीं एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता.
पतरातू डैम में करते हैं अभ्यास : सूबेदार स्वर्ण सिंह पतरातू डैम में अभ्यास करते हैं. वहां उन्होंने एसआरसी द्वारा नौकायन को बढ़ावा देने का भी अभियान शुरू किया गया है. स्वर्ण पदक विजेता सूबेदार स्वर्ण सिंह मानसा (पंजाब) के रहनेवाले हैं. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह है. स्वर्ण सिंह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से सिख रेजीमेंट, रामगढ़ में पदस्थापित हैं. अभी वे सूबेदार के पद पर पदस्थापित हैं.

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