झारखंड सरकार ने 12 नक्सलियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. इन नक्सलियों के खिलाफ 18 अप्रैल 2018 को गोइलकेरा थाना में आइपीसी की धारा-121 और धारा-121ए के तहत दर्ज किये गये मामले में मुकदमा चलाया जायेगा. जिन नक्सलियों पर मुकदमा चलेगा, उनमें भाकपा माओवादी नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी के तीन नक्सली भी शामिल हैं. तीनों पर एक-एक करोड़ रुपये का इनाम है.
भास्कर, अनल दा पर इनामी राशि की वैधता खत्म
इनमें गिरिडीह के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के भदनाडीह का निवासी मिसिर बेसरा उर्फ सुनिर्मल उर्फ भास्कर, गिरिडीह के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के झरहा का रहने वाला अनल दा उर्फ पतिरम मांझी और धनबाद के टुंडी थाना क्षेत्र के दालुबादा का रहने वाला विवेक उर्फ प्रयाग उर्फ करम उर्फ तुकु मांझी शामिल है. विवेक को छोड़ दो अन्य नक्सलियों पर घोषित इनामी राशि की वैधता समाप्त हो चुकी है. पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से वैधता बढ़ाने की अनुशंसा की है.
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सेंट्रल कमेटी के सदस्य हैं मिसिर बेसरा, अनल दा और विवेक, इन्हीं पर है एक-एक करोड़ का इनाम
सभी 12 नक्सलियों के खिलाफ 18 अप्रैल 2018 को गोइलकेरा थाना में दर्ज की गयी थी प्राथमिकी
पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गयी थी अनुशंसा, सरकार ने दी मुकदमा चलाने की अनुमति
इन पर भी चलेगा देशद्रोह का मुकदमा
अन्य नक्सलियों में पीरटांड़ के बेलाटांड़ का निवासी चमन उर्फ लंबू, बरवड्डा के घोड़ाबांधा का निवासी मोछू उर्फ मेहनत उर्फ विभीषण उर्फ तुंबा, रनिया के जापुद का निवासी जीवन कंडुलना, इचागढ़ के दारूदा का निवासी महाराज प्रमाणिक, बंडू के बारूहातू का रहनेवाला सुरेश मुंडा, सोनुवा के कुदाबुरू कायम टोला का निवासी सालुका कायम, तमाड़ के तामराना का निवासी अकित मुंडा, छोटानागरा का रहने वाला कांडे होनहागा और अनुसंधान के दौरान बनाये गये अप्राथमिकी अभियुक्त नक्सली गोइलकेरा के ग्राम कुइड़ा का निवासी बंडाइ पोयपाइ का नाम शामिल है.
सुनियोजित योजना के तहत जमा हुए थे नक्सली : रिपोर्ट
उक्त तिथि को दर्ज केस के अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पाया था कि उक्त नक्सली थाना क्षेत्र में एक सुनियोजित योजना के तहत जमा हुए थे. इसके अलावा वे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर आम जनजीवन को प्रभावित करने का काम करते हैं. अनुसंधान में आये तथ्यों के आधार पर मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए पुलिस की जांच रिपोर्ट के साथ गृह विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया था.