रांची शहर में नाली निर्माण पर खर्च हो गए 1200 करोड़ रुपये, फिर भी हर बारिश डूबते हैं मोहल्ले

बारिश ने एक बार फिर रांची नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है. सड़कों और मुहल्लों में पानी का जलजमाव आम बात हो गयी है. यह स्थिति तब है, जब नगर निगम की ओर से सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए आठ साल में 1200 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2022 10:47 AM

Ranchi News: बारिश ने एक बार फिर रांची नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है़ सड़कों और मुहल्लों में पानी का जलजमाव आम बात हो गयी है. खास बात है कि इसमें कई ऐसे मुहल्ले और सड़कें हैं, जो हर वर्ष बारिश में डूब जाते हैं. यह स्थिति तब है, जब नगर निगम की ओर से सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए आठ साल में 1200 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

1200 करोड़ खर्च कर दिये आठ साल में नालियों पर

रांची शहर के सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए आठ साल में नालियों के निर्माण पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इसमें 350 करोड़ रुपये का सीवरेज ड्रेनेज प्रोजेक्ट, मोमेंटम झारखंड के दौरान 135 करोड़ से की बनी नालियां और हर साल नागरिक सुविधा मद व वित्त आयोग से बनने वाली नालियां शामिल हैं.

अतिक्रमणकारियों पर नहीं होती कार्रवाई

जलजमाव का एक प्रमुख कारण अतिक्रमण भी है. बावजूद इसके नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता है. अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण लोग धड़ल्ले से नालों पर कब्जा कर रहे हैं. इस कारण बड़े नाले छोटी नाली में तब्दील हो चुके हैं. नतीजा यह होता है कि बारिश का पानी बाहर निकलने की जगह सड़कों पर ही ठहर जाता है. मुहल्लों और घरों में घुस जाता है.

खोरहा टोली हादसे में जान गयी, लेकिन अब तक नहीं बना पुल

कोकर के खोरहा टोली स्थित पुल अब भी नहीं बन सका है. यहां दो वर्ष पहले मूसलाधार बारिश में इसी पुल को पार कर रहा एक बाइक सवार युवक पानी की तेज धार में बह गया था़ इसके बाद रांची नगर निगम के अधिकारियों ने यहां ताबड़तोड़ दौरे किये़ कहा गया कि दो महीने में इस पुल का निर्माण करा दिया जायेगा, ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना न हो. आज दो वर्ष हो चुका है़, लेकिन पुल उसी हाल में है. गुरुवार को हुई झमाझम बारिश में भी इस पुल के ऊपर से तेज धार के साथ पानी बह रहा था़

इन सड़कों में जमा हो जाता है पानी

पटेल चौक

लोहरदगा गेट के समीप स्थित पटेल चौक के समीप मुख्य सड़क पर घुटना भर पानी जमा है. इससे राहगीर परेशान हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि नाली की साफ सफाई नहीं होने के कारण जलजमाव की स्थिति हुई है़ बस स्टैंड कॉलोनी की ओर से निकलनेवाले लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है.

यहां बारिश में हर वर्ष होता है संकट

हलधर प्रेस गली

हलधर प्रेस गली यानी कचहरी रोड स्थित एक माेहल्ला. शहर में जब भी तेज बारिश होती है, तब यह मोहल्ला जलमग्न हो जाता है. यह स्थिति पिछले चार वर्षों से बनी हुई है. हालत ऐसी हो गयी है कि बरसात के दिनों में कई लोग अपना घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के पास चले जाते हैं. मोहल्लेवासियों ने बताया कि मोहल्ले के पानी की निकासी लाइन टैंक तालाब की ओर होती है, लेकिन पानी निकासी के लिए जो नाला बनाया गया है, उसकी चौड़ाई काफी कम है. यही कारण है कि तेज बारिश में पानी मोहल्लों की गलियों में थम जाता है. पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश में एक बार फिर यही नजारा दिखा.

रातू रोड कब्रिस्तान

रातू रोड कब्रिस्तान के पास जलजमाव की कहानी वर्षों पुरानी है. इस बार और ज्यादा खतरनाक हो गयी है. कारण बना है एलिवेटेड रोड बनाने के लिए जगह-जगह गड्ढे की खुदाई़ इन गड्ढों से मिट्टी का सैंपल लिया गया है, लेकिन इसे भरा नहीं गया़ अब हल्की सी बारिश में ही इन गड्ढों में पानी जमा हो जा रहा है. जलजमाव के कारण वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता है कि गड्ढा किधर है. इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के पानी को आर्यपुरी की ओर निकालने के लिए कलवर्ट बनाया गया है, लेकिन यह काफी पतला है. यही कारण है कि ऊपर से आनेवाला पानी सड़क पर ही फैल जाता है.

जयपाल सिंह स्टेडियम

जयपाल सिंह स्टेडियम के समीप भी हल्की सी बारिश होने पर ही पानी सड़क पर ही थम जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां भी कलवर्ट का निर्माण किया गया है, लेकिन उसे थोड़ी ऊंची जगह पर बना दिया गया है. नतीजा पानी ऊपर चढ़ने की बजाय सड़क पर ही बहने लगता है.

थड़पखना

शहर के बीचोंबीच स्थित थड़पखना (मां तारा स्वीट के सामने) आठ सालों से हल्की सी बारिश में ही जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है. नाली का पानी सड़क पर बहने लगता है. इस कारण राहगीरों को काफी परेशानी होती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां एक कलवर्ट का निर्माण किया गया है, लेकिन उसे ऊंची जगह पर बना दिया गया है. आसपास के मोहल्लों से आनेवाला पानी कलवर्ट तक पहुंच ही नहीं पाता है.

आइटीआइ बजरा

हल्की सी बारिश में ही आइटीआइ बजरा के समीप सड़क पर जलजमाव की समस्या आम बात है. तीन सालों से इस सड़क की यही स्थिति है. स्थानीय दुकानदारों के अनुसार सड़क तो बना दी गयी है, लेकिन पानी निकासी का कोई रास्ता ही नहीं है. नतीजा यहीं पर आकर बारिश का पानी थम जाता है. यदि पानी निकासी के लिए एक नाले का निर्माण करा दिया जाये, तो इस मुख्यपथ से जलजमाव की समस्या दूर हो जायेगी.

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