समाज कल्याण सचिव को राहत, वेतन पर से रोक हटी

रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को पूरी तरह लागू करने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के सचिव के वेतन पर लगी रोक को हटा लिया. साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2018 4:11 AM

रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को पूरी तरह लागू करने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के सचिव के वेतन पर लगी रोक को हटा लिया. साथ ही सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने से भी छूट प्रदान कर दी. सरकार को स्थायी नियुक्ति के लिए की गयी कार्रवाई की जानकारी आठ सप्ताह में देने को कहा गया. स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 26 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दाैरान समाज कल्याण विभाग के सचिव सशरीर उपस्थित थे.

इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार के बाल गृहों, बाल सुधार गृहों की देखरेख के लिए आइसीपीएस के तहत रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर तत्काल नियुक्ति करने का निर्णय लिया है. दो माह का समय लगेगा. नियमित नियुक्ति के लिए आैपचारिकताएं पूरी होने में अभी काफी समय लगेगा. इसलिए संविदा पर नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि राज्य में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने को लेकर हाइकोर्ट ने संज्ञान लिया है. बाल सुधार गृह, बालाश्रय व शेल्टर होम में आधारभूत संरचनाओं की कमी, रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होने, पद सृजित नहीं जाने का मामला उठाया गया है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दाैरान रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने तथा जरूरत के मुताबिक पद सृजित करने का निर्देश दिया था, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर कोर्ट ने विभागीय सचिव के वेतन लेने पर रोक लगा दी थी. उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने का भी निर्देश दिया था. साथ ही बचपन बचाअो आंदोलन ने भी जनहित याचिका दायर की है. दोनों याचिकाअों पर साथ-साथ सुनवाई हो रही है.
रांची. हाइकोर्ट में फर्जी नक्सली सरेंडर की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया. अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी. इससे पूर्व सरकार की ओर से बताया गया कि गृह सचिव देश से बाहर हैं. वह सशरीर उपस्थित नहीं हो सकेंगे. वैसी स्थिति में समय देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि 514 फर्जी नक्सली सरेंडर कराया गया. सीबीआइ से मामले की जांच कराने की मांग की है. पूर्व में कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार की ओर से सीलबंद दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था, जिस पर राज्य सरकार से सीलबंद रिपोर्ट मांगी गयी थी. राज्य सरकार ने सीलबंद रिपोर्ट पेश किया. लेकिन कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण के लिए गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था.
संवेदनशील मामलों में सरकार के वरीय अधिकारी का शपथ पत्र ही स्वीकार्य : हाइकोर्ट
रांची़ सारंडा जंगल व आसपास के इलाकों में अवैध उत्खनन व प्रदूषण काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने कनीय अधिकारी द्वारा दाखिल किये गये शपथ पत्र को लाैटाते हुए कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में कनीय अधिकारी का शपथ पत्र दायर करना गंभीर मामला है. संवेदनशील मामलों में सरकार के उच्चाधिकारी द्वारा शपथ पत्र दायर किया जाना चाहिए. खंडपीठ ने सचिव स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर से दोबारा शपथ पत्र दायर कर स्टेटस की जानकारी देने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 26 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व असिस्टेंट माइनिंग ऑफिसर हेड क्वार्टर द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था. मालूम हाे कि पूर्व में कोर्ट ने सरकार को सारंडा क्षेत्र में उत्खनन कर रही कंपनियों के लीज नवीकरण के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था.
अभ्यारण्यों व नेशनल पार्क को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दे ं
रांची़ राज्य के 10 अभ्यारण्यों व एक नेशनल पार्क को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार को आठ सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही सरकार को सभी आैपचारिकताएं पूरी कर प्रस्ताव केंद्र को भेजने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 26 अक्तूबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने खंडपीठ को बताया कि इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को आठ प्रस्ताव भेजा गया था. इसमें से चार प्रस्तावों पर कोई आपत्ति नहीं है. इस पर अंतिम कार्रवाई करने का आग्रह केंद्र से किया गया है. शेष चार प्रस्ताव जिसमें पलामू टाइगर प्रोजेक्ट, कोडरमा वन्य प्राणी आश्रयणी सहित अन्य अभ्यारण्यों से संबंधित प्रस्तावों पर प्राप्त आपत्तियों पर विचार के लिए सरकार ने समिति का गठन किया है.
ब्लड बैंकों में मानकों के अनुसार ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराये सरकार
रांची़ राष्ट्रीय ब्लड नीति को लागू करने व राज्य में ब्लड बैंकों की स्थिति में सुधार लाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि ब्लड बैंकों में मानकों के अनुसार ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाये. मोबाइल एेप का प्रचार-प्रसार हो, ताकि जरूरतमंद लाभ उठा सकें. साथ ही प्रार्थी को छूट दी कि ब्लड बैंकों में जो भी खामियां है, उसे दूर करने के लिए स्वास्थ्य सचिव को आवेदन दें. स्वास्थ्य सचिव को उक्त आवेदन पर निर्णय लेने को कहा गया. खंडपीठ ने सरकार को निर्देश देने के साथ याचिका को निष्पादित कर दिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अतुल गेरा ने राष्ट्रीय ब्लड नीति को झारखंड में लागू करने की मांग की थी. पूर्व में कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने स्टेट बोर्ड अॉफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन का गठन किया था. किस ब्लड बैंक में काैन-काैन सा ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है, इससे संबंधित मोबाइल एप जारी किया गया था.
सोसाइटी
संवेदनशील मामलों में सरकार के वरीय अधिकारी का शपथ पत्र ही स्वीकार्य : हाइकोर्ट
रांची़ सारंडा जंगल व आसपास के इलाकों में अवैध उत्खनन व प्रदूषण काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने कनीय अधिकारी द्वारा दाखिल किये गये शपथ पत्र को लाैटाते हुए कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में कनीय अधिकारी का शपथ पत्र दायर करना गंभीर मामला है. संवेदनशील मामलों में सरकार के उच्चाधिकारी द्वारा शपथ पत्र दायर किया जाना चाहिए. खंडपीठ ने सचिव स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर से दोबारा शपथ पत्र दायर कर स्टेटस की जानकारी देने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 26 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व असिस्टेंट माइनिंग ऑफिसर हेड क्वार्टर द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था. मालूम हाे कि पूर्व में कोर्ट ने सरकार को सारंडा क्षेत्र में उत्खनन कर रही कंपनियों के लीज नवीकरण के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था.
अभ्यारण्यों व नेशनल पार्क को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दे ं
रांची़ राज्य के 10 अभ्यारण्यों व एक नेशनल पार्क को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार को आठ सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही सरकार को सभी आैपचारिकताएं पूरी कर प्रस्ताव केंद्र को भेजने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 26 अक्तूबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने खंडपीठ को बताया कि इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को आठ प्रस्ताव भेजा गया था. इसमें से चार प्रस्तावों पर कोई आपत्ति नहीं है. इस पर अंतिम कार्रवाई करने का आग्रह केंद्र से किया गया है. शेष चार प्रस्ताव जिसमें पलामू टाइगर प्रोजेक्ट, कोडरमा वन्य प्राणी आश्रयणी सहित अन्य अभ्यारण्यों से संबंधित प्रस्तावों पर प्राप्त आपत्तियों पर विचार के लिए सरकार ने समिति का गठन किया है.
ब्लड बैंकों में मानकों के अनुसार ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराये सरकार
रांची़ राष्ट्रीय ब्लड नीति को लागू करने व राज्य में ब्लड बैंकों की स्थिति में सुधार लाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि ब्लड बैंकों में मानकों के अनुसार ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाये. मोबाइल एेप का प्रचार-प्रसार हो, ताकि जरूरतमंद लाभ उठा सकें. साथ ही प्रार्थी को छूट दी कि ब्लड बैंकों में जो भी खामियां है, उसे दूर करने के लिए स्वास्थ्य सचिव को आवेदन दें. स्वास्थ्य सचिव को उक्त आवेदन पर निर्णय लेने को कहा गया. खंडपीठ ने सरकार को निर्देश देने के साथ याचिका को निष्पादित कर दिया.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अतुल गेरा ने राष्ट्रीय ब्लड नीति को झारखंड में लागू करने की मांग की थी. पूर्व में कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने स्टेट बोर्ड अॉफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन का गठन किया था. किस ब्लड बैंक में काैन-काैन सा ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है, इससे संबंधित मोबाइल एप जारी किया गया था.
सिटी
रांची : श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समिति की ओर से अलबर्ट एक्का चौक पर प्रतियाेगिताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे. एक सितंबर को बाल-गोपाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा. वहीं, दो सितंबर को दही-हांडी प्रतियोगिता होगी. बाल-गोपाल प्रतियोगिता में 12 साल से कम उम्र वाले बच्चे शामिल होंगे. इस प्रतियोगिता के लिए 110 बच्चों की इंट्री आ चुकी है. इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे. भाग लेनेवाले सभी बच्चों को पुरस्कार प्रदान किया जायेगा. प्रतिभागियों का चयन निर्णायक मंडली करेगी.
इस संबंध में समिति के अध्यक्ष संजय सेठ ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि शनिवार की शाम 7.30 बजे भव्य झांकी का भी उदघाटन होगा. इसके बाद भजन संध्या का आयोजन होगा. इसमें रोहन पाठक की टीम की ओर से भजन प्रस्तुत किया जायेगा. वहीं, कन्हैया इवेंट की ओर से बाल-गोपाल का मंचन होगा. श्री सेठ ने बताया कि दो सितंबर को दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन होगा. इसमें कुल नौ टीमें हिस्सा ले रही हैं. इनमें तीन महिलाओं की गोविंदा टीम व छह पुरुषों की गोविंदा टीमें हिस्सा ले रही हैं. टीमों को हांडी फोड़ने के लिए पांच मिनट का समय निर्धारित है. दही हांडी महिला टीम के लिए 15 फीट व पुरुष टीम के लिए 20 फीट की ऊंचाई होगी. काउंट डाउन के लिए बड़ी सी घड़ी भी लगायी जायेगी. संवाददाता सम्मेलन के दौरान संजय जायसवाल, संजय बांगड़, पूनम आनंद, प्रमोद सारस्वत, संजीव कुमार साहू, कंवलजीत सिंह संटी समेत कई सदस्य मौजूद थे.
फूल-माला व कृष्ण के विभिन्न रूपाें को दर्शाया जायेगा : काली मंदिर से लेकर शहीद चौक तक सड़कों को फूल-मालाओं से सजाया जायेगा. साथ ही कृष्ण के विभिन्न रूपों को दर्शाया जायेगा. यही नहीं, सारे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आकर्षक लाइटों से सजाया जायेगा. इसके अलावा कृष्ण झूला भी लगाया जायेगा.
शराब पीकर आनेवाली टीम निरस्त होंगी : किसी भी टीम का कोई भी सदस्य अगर शराब पीकर प्रतियोगिता में शामिल होता है, तो वैसी स्थिति में पूरी टीम को निरस्त कर दी जायेगी.
चप्पे-चप्पे पर रहेगी निगरानी : आयोजन के दौरान चप्पे-चप्पे पर महिला व पुरुष सुरक्षा बल तैनात रहेंगे. ड्रोन कैमरा से भी निगरानी रखी जायेगी.

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