रांची : कड़वे प्रवचनों के लिए विख्यात क्रांतिकारी राष्ट्रीय संत मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के निधन को श्री दिगंबर जैन पंचायत रांची ने देश के लिए अपूरणीय क्षति बतायी है. पंचायत से जुड़े हुए सदस्यों ने कहा कि उनके निधन से संपूर्ण जैन समाज मर्माहत है. उनके प्रवचन हमेशा सकारात्मक जीवनशैली जीने के लिए प्रेरित करते रहेंगे.
रांची में विराजमान आचार्य श्री 108 सुबहल सागर जी महाराज ने शनिवार को कहा कि ऐसी आत्माओं का जन्म कभी-कभी होता है. मुनि श्री वो संत थे, जिन्होंने जन-जन को जगाने का कार्य किया. वे हंसी-हंसी में कड़वी से कड़वी बात कह जाते थे. श्री दिगंबर जैन पंचायत के पदम छाबड़ा ने कहा कि उनके कड़वे प्रवचन हमेशा हमारे हृदय में विराजमान रहेंगे एवं समस्त मानव जीवन का मार्गदर्शन करते रहेंगे.
मंत्री संजय छाबड़ा ने कहा कि अल्प आयु से ही मुनि श्री ने हम सब को जगाने का कार्य किया. उन्होंने भगवान महावीर की वाणी, भारतीय संस्कृति एवं जैन धर्म का नाम देश-विदेश में रोशन किया. पूर्व मंत्री कमल विनायका ने कहा कि मुनि श्री के अनुयायी केवल जैन धर्म के नहीं, बल्कि सभी धर्म में थे. सीकर चातुर्मास में उनका सान्निध्य प्राप्त हुआ था. उनके कड़वे प्रवचन हमारे जीवन की हकीकत है.
प्रो सुरेश पांड्या ने कहा कि उनकी समाधि से हमने एक दिगंबर संत नहीं खोया, बल्कि चिंतन की एक तरुणाई को खो दिया. मुनि श्री की आत्मा की शांति के लिए संध्या सात बजे दिगंबर जैन मंदिर में 48 मिनट का णमोकार मंत्र का जाप किया गया. इसमें जैन समाज के पुरुष, महिलाओं एवं बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया.