रांची : सौंदर्यीकरण की बाट जोह रहे चुटिया के कई तालाब
रांची : शहर का चुटिया इलाका कभी खेती के लिए मशहूर था. पूरे साल यहां सब्जी की खेती होती थी. चुटिया के लोग अपनी सब्जियां लेकर आसपास के बाजारों में पहुंचते थे. सब्जियों की खेती करने के लिए यहां बूढ़े-बुजुर्गों ने क्षेत्र में करीब दर्जन भर तालाबों का निर्माण कराया था. लेकिन, आज इन तालाबों […]
रांची : शहर का चुटिया इलाका कभी खेती के लिए मशहूर था. पूरे साल यहां सब्जी की खेती होती थी. चुटिया के लोग अपनी सब्जियां लेकर आसपास के बाजारों में पहुंचते थे.
सब्जियों की खेती करने के लिए यहां बूढ़े-बुजुर्गों ने क्षेत्र में करीब दर्जन भर तालाबों का निर्माण कराया था. लेकिन, आज इन तालाबों पर किसी का ध्यान नहीं है. आज ये तालाब तेजी से बढ़ते शहरीकरण की भेंट चढ़ चुके हैं.
जिन तालाबों से कभी आसपास के खेत की फसलों से लहलहाती थी, आज उनमें नाली और घरों से निकलने वाले सीवर का पानी डाला जा रहा है.
अधिकतर तालाबों में जलकुंभी तैर रहे हैं. क्षेत्र के महतो तालाब, हटिया तालाब, कमलू तालाब, नया तालाब व बिजली तालाब के पानी से अब बदबू उठने लगी है. स्थानीय लोगों ने भी इस संबंध में निगम के अधिकारियों से मांग की है कि जिस प्रकार से बनस तालाब व घासी तालाब का सौंदर्यीकरण करवाया गया, उसी प्रकार से चुटिया के अन्य तालाबों का भी सौंदर्यीकरण कराया जाये.