दो वर्ष बीत गये, पुलिस ने रिमांड पर नहीं लिया नक्सली को
रांची: हजारीबाग की विष्णुगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारी के दो साल बीतने के बाद भी भाकपा माओवादी के नक्सली नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लिया है. पुलिस मुख्यालय ने करीब एक साल पहले कोयला क्षेत्र के आइजी, हजारीबाग डीआइजी और एसपी को पत्र लिखा था. इसमें नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लेने के लिए […]
रांची: हजारीबाग की विष्णुगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारी के दो साल बीतने के बाद भी भाकपा माओवादी के नक्सली नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लिया है. पुलिस मुख्यालय ने करीब एक साल पहले कोयला क्षेत्र के आइजी, हजारीबाग डीआइजी और एसपी को पत्र लिखा था. इसमें नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लेने के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था.
जानकारी के मुताबिक 27 मई 2012 को नवीन मांझी को हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ विष्णुगढ़ थाने में प्राथमिकी (31/06) दर्ज है. वर्ष 2009 में मामले के अनुसंधानक प्रवेश चंद्र सिन्हा ने नवीन मांझी को फरार बताते हुए कोर्ट में चाजर्शीट दाखिल की थी, लेकिन इस नक्सली की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर नहीं लिया. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इस मामले को तब पकड़ा, जब उनके पास वर्ष 2006 में हुए मुठभेड़ में बहादुरी से लड़नेवाले एक सिपाही को गैलेंट्री देने का प्रस्ताव आया.
इसके बाद मुख्यालय ने हजारीबाग के एसपी से कहा है कि मामले से जुड़े उन सभी पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाये, जिनकी गलती से नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लिया गया.
वर्ष 2006 : विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, कांड संख्या- 31/06 दर्ज.
वर्ष 2009 : पुलिस ने इस मामले नवीन मांझी को फरार बताते हुए चाजर्शीट दाखिल की.
27 मई 2012 : नक्सली कमांडर नवीन मांझी गिरफ्तार, हजारीबाग जेल में बंद है.
एसपी की कार्रवाई : तीन बार पत्र लिखा, फिर भी विष्णुगढ़ पुलिस ने नक्सली को रिमांड नहीं किया.
कौन है नवीन मांझी
बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का सदस्य.
हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, जमुई के विभिन्न थानों में दर्ज हैं 100 से अधिक मामले दर्ज.
सात लाख रुपये का है इनामी नक्सली.