रांची : साइबर अपराधियों के छह ठिकानों पर इडी का छापा

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) रांची के अधिकारियों ने गुरुवार को साइबर अपराधियों के जामताड़ा स्थित कुल छह ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी में जालसाजी से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये हैं. साइबर क्राइम के मामले में इडी ने देश की पहली प्राथमिकी रांची में तीन अगस्त 2018 को दर्ज की थी. इडी के अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2018 7:41 AM
रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) रांची के अधिकारियों ने गुरुवार को साइबर अपराधियों के जामताड़ा स्थित कुल छह ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी में जालसाजी से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये हैं. साइबर क्राइम के मामले में इडी ने देश की पहली प्राथमिकी रांची में तीन अगस्त 2018 को दर्ज की थी.
इडी के अधिकारियों ने जामताड़ा के मिरगा गांव में साइबर अपराधी प्रदीप मंडल, बिशु मंडल, मुकेश मंडल और पिंटू मंडल के घर पर छापा मारा. सभी अभियुक्त पहले से ही फरार हैं. अधिकारियों ने जामताड़ा के लटइया गांव में साइबर अपराधी गणपति मंडल और प्रकाश मंडल के घर पर छापेमारी कर जालसाजी से जुड़े दस्तावेज जब्त किये.
पिंटू मंडल के सिलसिले में स्थानीय लोगों ने इडी को बताया कि वह खस्सी के मांस का व्यापार भी करता है. उसके घर पर रखे ट्रैक्टर का ब्योरा भी इडी के अधिकारियों ने एकत्रित किया, ताकि उसे खरीदने के लिए जुटाये गये धन के स्रोत का पता लगाया जा सके.
अगस्त 2018 में दर्ज की थी तीन अलग-अलग प्राथमिकी : उल्लेखनीय है कि इडी ने अगस्त 2018 में साइबर अपराधियों के खिलाफ तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें बैंक अधिकारी होने का झांसा देकर आम लोगों के बैंक खाते से कुल 2.49 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था. पहली प्राथमिकी में साइबर अपराधी प्रदीप मंडल व अन्य काे नामजद अभियुक्त बनाया गया था. साथ ही इस पर एक करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था. दूसरी प्राथमिकी में युगल मंडल व अन्य को नामजद अभियुक्त बनाते हुए कुल 99 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था. तीसरी प्राथमिकी में संतोष यादव व अन्य पर 50 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया है. इन साइबर अपराधियों के खिलाफ पहले से भी थाने में प्राथमिकी दर्ज है.
लोगों को बैंक अधिकारी बन कर करते हैं फोन
प्राथमिकी में कहा गया था कि इन साइबर अपराधियों द्वारा बैंक अधिकारी बन कर लोगों को फोन किया जाता है. खाता बंद होने या डेबिट कार्ड अपडेट करने के बहाने कार्ड का नंबर मांग लिया जाता है. नंबर मिलते ही साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति के खाते से पैसा ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं. इसके बाद ओटीपी मांग कर कुछ देर के लिए फोन बंद करने की सलाह देते हैं और संबंधित व्यक्ति के खाते से पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं.
साइबर अपराधी ठगी की राशि
प्रदीप कुमार मंडल व अन्य एक करोड़ रुपये
युगल मंडल व अन्य 99 लाख
संतोष यादव 50 लाख

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