रांची की अदालत ने सोना व कैश लूट कांड में कुंदन पाहन पर आरोप तय किये

रांची : रांची-टाटा रोड पर स्थित तैमारा घाटी के पास बैंक के कैश वैन से पांच करोड़ रुपये और डेढ़ किलो सोना लूटने के मामले में रांची की एक अदालत ने कभी दुर्दांत नक्सली रहे कुंदन पाहन पर आरोप तय कर दिये हैं. इसी कांड को अंजाम देने के बाद कुंदन पाहन पहली बार चर्चा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2018 2:23 PM

रांची : रांची-टाटा रोड पर स्थित तैमारा घाटी के पास बैंक के कैश वैन से पांच करोड़ रुपये और डेढ़ किलो सोना लूटने के मामले में रांची की एक अदालत ने कभी दुर्दांत नक्सली रहे कुंदन पाहन पर आरोप तय कर दिये हैं. इसी कांड को अंजाम देने के बाद कुंदन पाहन पहली बार चर्चा में आया था. इसके बाद उसने एक के बाद एक कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया और खौफ का पर्याय बन गया.

सबसे पहले 21 मई, 2008 को उसने बैंक के कैश वैन से पांच करोड़ रुपये नकद और डेढ़ किलो सोना लूटा था. कुछ ही दिनों में झारखंड का मोस्ट वांटेड नक्सली बन गया और कई बड़ी घटनाओं में संलिप्त रहा. 30 जून, 2008 को बुंडू थाना क्षेत्र में कुंदन पाहन के दस्ते ने लैंडमाइन विस्फोट कर डीएसपी प्रमोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.

वह यहीं नहीं रहा, सिर्फ आठ दिन बाद 8 जुलाई, 2008 को बुंडू थाना से महज दो किमी की दूरी पर स्थित स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में घुसकर बुंडू के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा समेत चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. 6 अक्तूबर, 2009 को कुंदन पाहन ने स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का अड़की से अपहरण कर उसकी हत्या कर दी. इंस्पेक्टर इंदवार का शव दो दिन बाद रांची-टाटा रोड पर मिला था.

पिछले साल ही कुंदन पाहन ने यह कहते हुए सरेंडर कर दिया था कि उसका नक्सलवाद से मोहभंग हो गया है. माओवादी अपने सिद्धांतों से भटक गये हैं. इसके साथ ही उसने कहा था कि अपराध की दुनिया में जाकर उसने जो कुछ भी किया, उसके लिए उसे पछतावा है. फिलहाल वह जेल की सलाखों के पीछे है.

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