छह राज्य घूमे अधिकारी पर नहीं बना सके प्रस्ताव
रांची : झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) राज्य सरकार के लिए लगातार घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इस वजह से मुख्यमंत्री ने राज्यहित में शराब से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि के लिए व्यवस्था परिवर्तन का निर्देश दिया है. बावजूद इसके उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने अब तक शराब की खुदरा बिक्री […]
रांची : झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) राज्य सरकार के लिए लगातार घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इस वजह से मुख्यमंत्री ने राज्यहित में शराब से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि के लिए व्यवस्था परिवर्तन का निर्देश दिया है. बावजूद इसके उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने अब तक शराब की खुदरा बिक्री की मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन का कोई प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया है. विभाग के अधिकारी अन्य राज्यों में शराब की बिक्री की व्यवस्था का अध्ययन करने के नाम पर पिछले कुछ सप्ताह में छह राज्यों (बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली, छत्तीसगढ़, गोवा व उत्तर प्रदेश) का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब तक व्यवस्था परिवर्तन के लिए कोई ठोस प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है.
इधर, राज्य में जेएसबीसीएल द्वारा किये जा रहे शराब के खुदरा कारोबार में सहायता के लिए नियुक्त की गयीं मैनपावर सप्लाइ करने वाली कंपनियों को हर महीने लगभग तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है. पिछले 31 अगस्त को मैनपावर देने वाली कंपनियों (शोमुख और फ्रंटलाइन) की कांट्रैक्ट अवधि समाप्त हो चुकी है. उसके बाद विभाग द्वारा इन दोनों कंपनियों को अगले आदेश तक एक्सटेंशन दे दिया गया है. मैनपावर सप्लाइ के लिए नया टेंडर नहीं होने और एक्सटेंशन मिलने से कंपनियों की मौज हो गयी है. बिना किसी प्रतियोगिता के दोनों ही कंपनियों को सरकार के अगले आदेश तक मैनपावर सप्लाइ की पुरानी व्यवस्था बहाल रखने की छूट मिल गयी है. इसके एवज में दोनों ही कंपनियों को मोटी रकम भी मिल रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद खुदरा शराब की बिक्री के लिए नयी व्यवस्था लागू नहीं किया जाना उत्पाद विभाग के अफसरों की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है.
शराब कारोबार
मैनपावर कंपनियों को अगले आदेश तक एक्सटेंशन
हर माह करीब तीन करोड़ का हो रहा है भुगतान