रांची : बाबूलाल व अर्जुन मुंडा अब भी सरकारी आवास में ही रह रहे हैं
हाइकोर्ट को बताया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो गया, पर रांची : सरकार की अोर से शुक्रवार को माैखिक रूप से हाइकोर्ट को बताया गया था कि सारे पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली करा लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करा दिया गया है. यानी अभी जो भी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी […]
हाइकोर्ट को बताया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो गया, पर
रांची : सरकार की अोर से शुक्रवार को माैखिक रूप से हाइकोर्ट को बताया गया था कि सारे पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली करा लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करा दिया गया है. यानी अभी जो भी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास में रह रहे हैं, उन्हें वर्तमान पदों के कारण आवास आवंटित किया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सारे पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास की सुविधा भी वापस लेनी थी. इस कड़ी में झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखा था. सरकार ने यह स्पष्ट तो कर दिया कि यहां किसी को भी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवास नहीं दिये गये हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है.
क्या है स्थिति : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी अभी भी मोरहाबादी में स्टेट गेस्ट हाउस के बगल में स्थित सरकारी आवास में रह रहे हैं. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से यह आवास मिला हुआ है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को निर्मल महतो चौक के पास आवास आवंटित किया गया है. अभी भी वह इसी आवास में रह रहे हैं. उन्हें भी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवास मिला हुआ है. जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को मोरहाबादी मैदान के निकट आवास आवंटित किया गया था.
वह पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से उसमें रह रहे थे, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें झारखंड आंदोलनकारी की हैसियत से यह आवास आवंटित कर दिया था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दीनदयाल नगर में आवंटित आवास को रद्द कर उनकी पत्नी विधायक गीता कोड़ा के नाम से आवंटित कर दिया. हेमंत सोरेन जिस आवास में रह रहे हैं, उसे नेता प्रतिपक्ष के नाम से आवंटित कर दिया गया है.
अलग-अलग कारणों से आवास आवंटित किये जाते हैं़ बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मंुडा को किन कारणों से आवास दिये गये हैं, इसकी जानकारी नहीं है़ पता करने के बाद ही कुछ बता सकूंगा़
सुनील कुमार, सचिव भवन निर्माण विभाग