रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में बेतला नेशनल पार्क (लातेहार) में वनकर्मियों पर गोली चलाने के मामले में सजायाफ्ता की अोर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए इसी मामले में एक अन्य आरोपी दशरथ सिंह की 15 वर्षों के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने को गंभीरता से लिया. अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वर्ष 2003 से आरोपी फरार है.
पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी है, जबकि इसी मामले में एक आरोपी को निचली अदालत सजा सुना चुकी है. पुलिस ने फरार घोषित करते हुए अंतिम प्रपत्र साैंप दी.
कोर्ट ने कहा, अंतिम प्रपत्र साैपने से वारंट समाप्त नहीं हो जाता है. यह गंभीर मामला है. इसकी कतई अनदेखी नहीं की जा सकती है. अदालत ने गृह सचिव, डीजीपी, जोनल आइजी, डीआइजी, लातेहार के एसपी, थानेदार व बरवाडीह के दारोगा (शपथकर्ता) को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
क्या है मामला : लातेहार जिले में अवस्थित बेतला नेशनल पार्क में वर्ष 2003 में वनपाल व अन्य वनकर्मी ड्यूटी कर रहे थे. इसी बीच वनकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की गयी. इस मामले में बरवाडीह थाना में दशरथ सिंह व हरि सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस ने हरि सिंह को गिरफ्तार कर लिया. वहीं दूसरा आरोपी दशरथ सिंह भाग निकला.
बाद में लातेहार पुलिस ने दशरथ सिंह के खिलाफ अदालत से परमानेंट वारंट प्राप्त कर लिया. आरोपी दशरथ सिंह को वर्ष 2003 में फरार घोषित करते हुए पुलिस ने अदालत में अंतिम प्रपत्र साैंप दिया. हरि सिंह को सजा सुनायी गयी. हरि सिंह ने अपील याचिका दायर कर सजा को चुनाैती दी है.