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हजारीबाग के डीएओ अमरेश झा रांची से गिरफ्तार, सरायकेला में 31 लाख के घोटाले का है आरोप

रांची : सरायकेला-खरसांवा के राजनगर थाना क्षेत्र के एक मामले में पुलिस ने हजारीबाग के वर्तमान जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) अमरेश झा को गिरफ्तार कर लिया है. झा मंगलवार को कांके रोड स्थित कृषि भवन में बैठक में हिस्सा लेने आये हुए थे. बैठक कृषि सचिव पूजा सिंघल ले रही थी. बैठक समाप्त होते ही […]

रांची : सरायकेला-खरसांवा के राजनगर थाना क्षेत्र के एक मामले में पुलिस ने हजारीबाग के वर्तमान जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) अमरेश झा को गिरफ्तार कर लिया है. झा मंगलवार को कांके रोड स्थित कृषि भवन में बैठक में हिस्सा लेने आये हुए थे. बैठक कृषि सचिव पूजा सिंघल ले रही थी.

बैठक समाप्त होते ही झा जैसे ही बाहर निकले, पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया. झा पर सरायकेला में आइडब्ल्यूएमपी स्कीम में 31 लाख रुपये गड़बड़ी का आरोप है. इनके खिलाफ 18 अक्तूबर 2017 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. अमरेश झा को पूर्व में एक मामले में कोडरमा पुलिस भी गिरफ्तार कर चुकी थी. गिरफ्तारी के बाद वह निलंबित हो गये थे. कुछ माह पूर्व ही वह निलंबन मुक्त हुए थे. निलंबन मुक्त होने के बाद उनको जून में ही हजारीबाग का डीएओ बनाया गया था. वहीं, सरायकेला-खरसांवा के डीएफओ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में अमरेश झा के िखलाफ जल छाजन योजना, राजनगर क्षेत्र में करीब 31 लाख रुपये की निकासी करने का आरोप लगाया था.

13 मामले चल रहा हैं अमरेश झा पर

अमरेश झा पर कई जिलों में पदस्थापन के दौरान कई आरोप लगे हैं. कई मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. कोडरमा में पदस्थापन के दौरान उन पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ट्रॉपिकल पोलीहाउस के निर्माण में गबन का आरोप है. यह मामला 2009-2010 का मामला है.

इस मामले में वह निलंबित भी हो चुके हैं. यह मामला अभी भी चल रहा है. कोडरमा के ही एक मामले में उन पर लिफ्ट एरीगेशन निर्माण और पावर टीलर वितरण में गड़बड़ी का आरोप है. इस मामले में उन पर प्रपत्र क गठन किया गया है. 2005-06 में और 2007-08 में चतरा और कोडरमा में पदस्थापन के दौरान पावर टीलर वितरण और जेट्रोफा की खेती में गबन का आरोप है. इस मामले में हजारीबाग एसीबी में मामला चल रहा है. 2018 में ही चक्रधरपुर थाना में भी एक मामला दर्ज कराया गया है. इसमें अमरेश झा पर सौर ऊर्जा बोरिंग, जल निधि, डीप बोरिंग, चेक डैम निर्माण में करीब 58 लाख रुपये गड़बड़ी का आरोप है. चतरा थाना में एक मामला 59 लाख रुपये गड़बड़ी का चल रहा है.

यह मामला 2008-09 का है. जमशेदपुर में पदस्थापन के दौरान इन पर कुकड़ू प्रखंड में 2014-15 में तालाब निर्माण में गड़बड़ी करने का मामला दर्ज है. इसके अतिरिक्त इन पर सरायकेला में जबरन चेक लेने, सरायकेला में ही प्रक्षेत्र सुदृढ़ीकरण करने, भूमि संरक्षण पदाधिकारी के रूप में चाईबासा में गड़बड़ी करने का आरोप है. धालभूम में पदस्थापन के दौरान तालाब निर्माण में गड़बड़ी करने के मामले में सनहा दर्ज है. चाईबासा में ही पदस्थापन के दौरान जल निधि के तहत करीब एक करोड़ 25 लाख रुपये गबन का आरोप है.

नियम विरुद्ध बनाये गये डीएओ : कोडरमा जिला में पदस्थापन के दौरान गड़बड़ी करने के एक मामले में इनको गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इनकी निलंबित कर दिया गया था. 10 मई 2018 को इनको निलंबन मुक्त किया गया था. निलंबन मुक्त करने के समय शर्त था कि इनको वित्तीय संचालन का अधिकार नहीं दिया जायेगा. इसके बावजूद जून में इनको पदस्थापन के दौरान हजारीबाग का जिला कृषि पदाधिकारी बना दिया गया. वहां उनको वित्तीय कार्य संचालन का पूरा अधिकार था.

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