रांची : वैट कम करें, तो राज्य में 2.50 तक सस्तें हो सकते हैं पेट्रोलियम उत्पाद
जेपीडीए की मांग पर मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र प्रतिनिधिमंडल ने कहा: वैट दरें ज्यादा होने के कारण पड़ोसी राज्यों से खरीदा जा रहा पेट्रोल और डीजल रांची : वैट कम करने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (जेपीडीए) का प्रतिनिधिमंडल राजहंस मिश्रा के नेतृत्व में खाद्य आपूर्ति […]
जेपीडीए की मांग पर मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
प्रतिनिधिमंडल ने कहा: वैट दरें ज्यादा होने के कारण पड़ोसी राज्यों से खरीदा जा रहा पेट्रोल और डीजल
रांची : वैट कम करने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (जेपीडीए) का प्रतिनिधिमंडल राजहंस मिश्रा के नेतृत्व में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने श्री राय को बताया कि झारखंड में वैट दर पड़ोसी राज्यों जैसे बिहार, बंगाल, यूपी से अधिक होने से यहां के पेट्रोल पंप प्रभावित हो रहे हैं.
बिक्री में तेजी से गिरावट हो रही है. यह गिरावट बॉर्डर एरिया के पंप पर ज्यादा है. 1,000 किलो लीटर बिक्री करने वाले पंप मात्र 200 किलो लीटर ही बिक्री कर पा रहे हैं. लंबी दूरी की गाड़ियां दूसरे राज्यों से तेल भरवा रही हैं. आउट सोर्सिंग कंपनियां भी महीने में 30,000 किलो लीटर तेल दूसरे राज्यों से मंगा रही हैं.
पड़ोसी राज्यों से अधिक हो गयी हैं झारखंड में कीमतें
प्रतिनिधिमंडल की बातों की सुनने के बाद श्री राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से कहा है कि वैट में चार प्रतिशत की कमी करने से पेट्रोलियम ईंधन के मूल्यों में दो से 2.50 रुपये प्रति लीटर कीमत कम हो सकती है. अभी राज्य में वैट की दर 22 प्रतिशत होने और उससे पहले एक रुपये का सेस लगाने के कारण झारखंड में कीमतें पड़ोसी राज्यों से अधिक हो गयी हैं. राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में औसतन चार प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लेने पर विचार करना चाहिए. इसका प्रत्यक्ष लाभ राज्य की जनता को मिलेगा.
बंगाल में एक रुपये वैट में छूट
प्रतिनिधिमंडल ने श्री राय को बताया कि हाल में बंगाल ने एक रुपये वैट में छूट दी है. इससे झारखंड में 25 प्रतिशत बिक्री में अतिरिक्त गिरावट दर्ज की गयी है. प्रतिनिधिमंडल में जेपीडीए के प्रवक्ता प्रमोद कुमार, नीरज भट्टाचार्य, मानस सिन्हा, कमलेश सिंह, विनीत लाल शामिल थे.