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रांची : चिरपरिचित अंदाज में दिखे पीएम मोदी, नागपुरी में भी किया संबोधित, कहा, सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना और कहीं नहीं

रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची से आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना है. कोई इसे मोदी केयर कहता है, तो कोई आरोग्य योजना. उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा था. गरीबों को मुफ्त में ये […]

रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची से आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना है. कोई इसे मोदी केयर कहता है, तो कोई आरोग्य योजना. उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा था. गरीबों को मुफ्त में ये दो, वो दो. पर सही मायने में हमारी सरकार ने गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता की है. पीएम ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि किसी को अस्पताल जाने की जरूरत न पड़े और इस योजना का लाभ उठाने की आवश्यकता न हो. यदि ऐसी नौबत आ जाये, इसलिए सरकार उनकी चिंता कर रही है.
समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को व गरीब से भी गरीब को इलाज मिले. स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले. आज इस विजन के साथ बहुत बड़ा कदम उठाया गया है.आयुष्मान भारत के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आज से लागू हो रही है.
देश के 50 करोड़ से ज्यादा भाई-बहनों को पांच लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है.पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी और देश में नहीं चल रही है.
इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी के बराबर है.अगर आप अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको इन तीनों देशों की आबादी को भी जोड़ दें,तो उनकी कुल संख्या इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के करीब ही होगी.
आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है.अप्रैल में जब योजना का पहला चरण शुरू हुआ था, तो उस दिन बाबा साहेब अांबेडकर का जन्मदिन था.अब इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरू हुई है. आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का भी जन्मदिवस है.
यह योजना कितनी व्यापक है, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी और लीवर की बीमारी, डायबटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों का इलाज इसमें शामिल है.
इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं, बल्कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में भी किया जा सकेगा.पांच लाख तक का जो खर्च है, उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरूरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है.
अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है, तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जायेगा.आप 14555 नंबर पर फोन करके या फिर अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भी योजना के बारे में जान सकते हैं.
आयुष्मान भारत का ये मिशन सही मायने में एक भारत, सभी को एक तरह के उपचार की भावना को मजबूत करता है. जो राज्य इस योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्यक्ति किसी भी राज्य में जायें, उन्हें इस योजना का लाभ मिलता रहेगा.अभी तक देश भर के 13000 से अधिक अस्पताल इस योजना से जुड़ चुके हैं.
आज ही यहां पर 10 वेलनेस सेंटर्स का भी शुभारंभ किया गया है.अब झारखंड में करीब 40 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देश भर में इनकी संख्या 2300 तक पहुंच चुकी है.अगले चार वर्षों में देश भर में ऐसे डेढ़ लाख सेंटर्स तैयार करने का लक्ष्य है.
सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने के लिए होलिस्टिक तरीके से कार्य कर रही है. एक तरफ सरकार अफोर्डेबल हेल्थकेयर पर ध्यान दे रही है, तो साथ ही प्रीवेंटिव हेल्थ केयर पर भी जोर दिया जा रहा है.
मैं आश्वस्त हूं कि इस योजना से जुड़े हर व्यक्ति के प्रयासों से, आरोग्य मित्रों और आशा-एएनएम बहनों के सहयोग से, हर डॉक्टर, हर नर्स, हर कर्मचारी, हर सर्विस प्रोवाइडर की समर्पित भावना से हम इस योजना को सफल बना पायेंगे. एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर पायेंगे.

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