रांची : पहाड़ी मंदिर की चार दान पेटियां खुली, 4.49 लाख रुपये निकले, करीब दो लाख के नोट सड़े पाये गये, आज भी होगी गिनती
19 पेटियों में अब भी भरे हैं नोट, आज भी होगी गिनती रांची : रांची पहाड़ी मंदिर में भक्तों द्वारा दान में दिये गये करीब दो लाख रुपये के नोट सड़ गये. नोट इस कदर सड़ चुके हैं कि उन्हें गिन पाना मुश्किल है. कई नोटों के दो टुकड़े हो चुके हैं. मंगलवार को प्रभात […]
19 पेटियों में अब भी भरे हैं नोट, आज भी होगी गिनती
रांची : रांची पहाड़ी मंदिर में भक्तों द्वारा दान में दिये गये करीब दो लाख रुपये के नोट सड़ गये. नोट इस कदर सड़ चुके हैं कि उन्हें गिन पाना मुश्किल है. कई नोटों के दो टुकड़े हो चुके हैं. मंगलवार को प्रभात खबर में दान के नोटों के सड़ने की खबर छपने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया. सुबह सात बजे से ही दान पेटियाें में बंद नोटों की गिनती शुरू हो गयी.
गिनती के दौरान पाया गया कि इनमें से दो सौ, पांच सौ, 20 रुपये और 10 रुपये के कई नोट पूरी तरह से या तो सड़ चुके हैं या दो टुकड़े हो गये हैं. वहीं, कई सिक्कों में जंग लग चुकी है. शाम तक जिला प्रशासन की टीम ने चार दान पेटियों से कुल 4.49 लाख रुपये गिने, जो सही हालत में थे. इसमें 3,02, 500 रुपये के नाेट हैं, जबकि 1,47,00 रुपये के सिक्के हैं. अनुमान है कि करीब दो लाख से अधिक के वैसे नोट हैं, जो बेकार हो गये. 23 में चार ही दान पेटियों की हुई गिनती
मंगलवार को जो गिनती हुई, उनमें पहाड़ी के मुख्य मंदिर की ही चाराें दान पेटियां थीं. दान पेटियों की गिनती मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में हुई. कार्यपालक दंडाधिकारी एनी रिंकू कुजूर प्रभार में थीं. नोटों की गिनती के लिए पांच राजस्व कर्मचारियाें की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
इसमें राजेश कुमार (चान्हाे अंचल), संताेष साहू ( बुढ़मू अंचल), भानु प्रताप शाही (अनगड़ा अंचल), प्रदीप रफाइल खलखाे (आेरमांझी अंचल) आैर गुरुआ सिंह मुंडा (नगड़ी अंचल) शामिल हैं. देर शाम साढ़े पांच बजे तक नोटों की गिनती हुई. इससे पहले दिन के 1.30 बजे तक 2.60 लाख रुपये गिने जा चुके थे.
सारे नोटों को पैकेट बना कर बोरे में रखा गया
गिनती के बाद सारे नोटों का अलग-अलग पैकेट बना कर रखा गया. बाद में उसे बोरे में रख दिया गया. वहीं खराब और टुकड़ों में मिले नोटों का अलग पैकेट बनाया गया है. उसे भी बोरे में बांध कर रख दिया गया.
पहले 15 दिनों में होती थी दान की गिनती
रांची पहाड़ी मंदिर विकास समिति के प्रबंधन समिति के सदस्य सुनील माथुर ने कहा कि पहले दान की राशि की गिनती 15 दिनों में होती थी, जबकि सावन माह में हर सोमवार को इसकी गिनती हाेती थी. गिनती के बाद इसे रजिस्टर में दर्ज किया जाता था. कुछ माह पहले यहां की दान पेटियों को सील कर दिया गया था. इसके बाद से दान की राशि की गिनती नहीं हो रही थी.
आज भी होगी गिनती,19 दान पेटियों को गिनना बाकी
पहाड़ी मंदिर में दान पेटियों की संख्या 23 है. इनमें से मंगलवार को चार पेटियों की गिनती कर ली गयी. शेष 19 पेटियों में से कुछ की गिनती 26 सितंबर को भी की जायेगी. इस संबंध में प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है.
क्याें आयी यह स्थिति
पहाड़ी मंदिर के संचालन के लिए विकास समिति बनायी गयी है. डीसी आैर एसडीआे समिति के अध्यक्ष आैर उपाध्यक्ष हाेते हैं. समिति में 11 सदस्य हैं. समिति के उपाध्यक्ष यानी एसडीआे ने पिछले दिनाें काेषाध्यक्ष से मंदिर काेष का हिसाब मांगा. उन्हें काेष में गड़बड़ी की आशंका थी. इसके बाद काेषाध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया.
हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. पर उन्हाेंने (काेषाध्यक्ष) मंदिर के कामकाज पर ध्यान देना बंद कर दिया. पूरी समिति एक तरह से निष्क्रिय हाे गयी. 25 सितंबर काे भी पहाड़ी मंदिर विकास समिति की बैठक में मजिस्ट्रेट की देखरेख में नाेटाें की गिनती कराये जाने का फैसला हुआ, पर इसे अमल में नहीं लाया जा सकता. अगर समय पर इसकी गिनती हुई हाेती, ताे राशि सड़ने से बच सकती थी.
क्या पड़ा प्रभाव
पहाड़ी मंदिर के दान के नोटों का उचित प्रबंधन नहीं होने से मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों को चार माह से वेतन नहीं मिला है. वहीं यहां सुबह और शाम को होने वाली सरकारी पूजा के लिए पैसा मिलना बंद हो गया और पूजन सामग्री भी खरीदी नहीं जा सकी. मंदिर के पुजारी किसी तरह चंदा करके यहां हर दिन पूजा कर रहे हैं.
क्या कहता है आरबीआई:
आरबीआई के पटना स्थित क्लेम सेक्शन में आवेदक को आवेदन देना होगा. आवेदन में कितने मूल्य वर्ग की राशि है, इसका अलग से उल्लेख होना चाहिए. आवेदन मिलने के बाद आवेदक को तय तिथि को बुलाया जायेगा. इसके बाद नियमानुसार कमेटी सड़े या गले नोट का मूल्यांकन करेगी. इसके बाद पैसा संबंधित आवेदक के बैंक खाते में भेजा जायेगा.
प्रशांत दयाल, डीजीएम, आरबीआइ पटना
सारे नोटों को पैकेट बना कर बोरे में रखा गया
सुखाये भी गये नोट पहाड़ी मंदिर की दानपेटियाें से बरामद कुछ नाेट काे धाेकर धूप में सुखाया भी गया. सड़े-गले नाेटाें के साथ ये भी चिपके हुए थे. गिनती पूरी हाे जाने के बाद इन नाेटाें काे बैंक में जमा कराया जायेगा.
किसी सदस्य ने दान पेटी खोलने के लिए प्रस्ताव नहीं दिया : अंजलि यादव
रांची सदर अनुमंडल की पूर्व एसडीओ अंजलि यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर दान पेटियां सील कर दी गयीं, तो समिति के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी कि दान पेटियों को खुलवाने संबंधी प्रस्ताव प्रशासन को दें. लेकिन, समिति की ओर से एक बार भी इस संबंध में प्रस्ताव नहीं दिया गया.
जबकि, हमने पहाड़ी मंदिर में दान पेटियों काे नियमित खुलवाने के लिए कहा था. इस संबंध में बैठक में भी निर्णय लिया गया था. सावन के बीच में भी सदस्यों से कहा था कि सोमवार को छोड़ किसी भी दिन दान पेटी को खुलवा लें. लेकिन, समिति के सदस्यों की लापरवाही की वजह से दान की राशियों का यह हश्र हुआ है.