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जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंत्री सीपी सिंह ने कहा – जीएसटी से आठ माह में 26 फीसदी राजस्व घटा
रांची : जीएसटी लागू होने के बाद झारखंड का राजस्व कम हुआ है. अगस्त 2017 से लेकर मार्च 2018 तक आठ महीनों में झारखंड के राजस्व में 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. इसके बाद अप्रैल 2018 से अगस्त 2018 तक राजस्व की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. इस अवधि में राजस्व […]
रांची : जीएसटी लागू होने के बाद झारखंड का राजस्व कम हुआ है. अगस्त 2017 से लेकर मार्च 2018 तक आठ महीनों में झारखंड के राजस्व में 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. इसके बाद अप्रैल 2018 से अगस्त 2018 तक राजस्व की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. इस अवधि में राजस्व में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है.
नगर विकास सह परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल के साथ हुए वीडियाे कांफ्रेंसिंग के बाद यह जानकारी दी. श्री सिंह ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद देश का राजस्व कुल 13 प्रतिशत घटा है. नॉर्थ – ईस्ट के राज्यों को छोड़ कर देश के सभी राज्यों का राजस्व घटा है.
आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के राजस्व में चार से पांच फीसदी की गिरावट आयी है, लेकिन झारखंड जैसे छोटे राज्यों को अधिक नुकसान हुआ है. हालांकि, पांच वर्षों तक राज्य को घाटा के बदले केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है. इससे राजस्व घाटे की भरपाई हो रही है.
एंटी प्रॉफिटिंग क्लेम के लिए फॉर्म भरवाने का निर्देश: उन्होंने बताया कि व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मालवाहक वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइटेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सिस्टम लगाने का फैसला किया गया. इस सिस्टम से मालवाहक वाहनों द्वारा की जाने वाली कर की चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
हालांकि इस के लिए अब तक कोई टाइमफ्रेम नहीं बनाया गया है. बैठक में एंटी प्रॉफिटिंग क्लेम के लिए अधिकारियों को फॉर्म भरवाने के निर्देश दिये गये. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान वाणिज्य कर सचिव केके खंडेलवाल भी मौजूद थे.
केरल में आपदा सेस लगाने की मांग पर विचार के लिए मंत्री समूह
जीएसटी काउंसिल ने केरल की बाढ़ राहत कार्यों के लिए जीएसटी के तहत अतिरिक्त सेस लगाने की मांग पर सुझाव के लिए सात सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया है. जीएसटी कौंसिल, निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है. जेटली ने जीएसटी परिषद की 30वीं बैठक के बाद कहा कि केरल में आयी भयंकर बाढ़ के बाद राज्य के पुनर्वास कार्यों के अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए केरल से मिले आपदा कर, विशेष कर अथवा सेस लगाने के प्रस्ताव पर बैठक में विचार-विमर्श किया गया. यदि यह सेस लगता है, तो यह नयी शुरुआत हो सकती है, इसलिए इस बारे में सुझाव देने के लिए मंत्री समूह गठित किया गया है.
जीएसटी का लाभ नहीं देनेवाली कंपनियों ने भरे 170 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली. उपभोक्ताओं को जीएसटी की घटी दरों का फायदा नहीं पहुंचाने वाली कुछ कंपनियों ने उपभोक्ता कल्याण कोष में 170 करोड़ रुपये जमा कराया है. केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने शुक्रवार को यह बात कही. इसाक ने बताया कि मुनाफाखोरी की शिकायतों पर कार्रवाई करनी शुरू की गयी है. कई मामलों की जांच की जा रही है.
सरकार ने जीएसटी की घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों को दंड देने के लिये राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण बनाया है. जिन मामलों में उपभोक्ताओं की पहचान मुनासिब नहीं है, वहां पैसे उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराये जाते हैं.
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