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रांची : राजधानी में टीबी के 32 नये मरीजों की पहचान
रांची : राजधानी मेें टीबी के 32 नये मरीजों की पहचान हुई है. यह पहचान एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान से हुई है. पांच सितंबर से 19 सितंबर तक अभियान चलाया गया था. एएनएम, सहिया व आंगनबाड़ी सेविका ने घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान की. लोगों के बलगम की जांच करायी गयी. अभियान के […]
रांची : राजधानी मेें टीबी के 32 नये मरीजों की पहचान हुई है. यह पहचान एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान से हुई है. पांच सितंबर से 19 सितंबर तक अभियान चलाया गया था. एएनएम, सहिया व आंगनबाड़ी सेविका ने घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान की. लोगों के बलगम की जांच करायी गयी. अभियान के दौरान राजधानी के 367 मरीजों की जांच करायी गयी, जिसमें 32 मरीज टीबी से पीड़ित मिले.
वर्ष 2016 में राजधानी के सरकारी अस्पतालों में 1,824 मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी थी. वहीं वर्ष 2017 में 2,959 मरीजों की स्क्रीनिंग करायी गयी. हालांकि निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे टीबी मरीजाें को जोड़ने के लिए सरकार निक्षय योजना चला रही है. यह योजना वर्ष 2012 में शुरू की गयी थी. वर्ष 2012 से अगस्त 2018 तक 24,261 टीबी मरीजों को राज्य के निजी अस्पतालों में चिह्नित किया गया. वहीं निक्षय योजना से 2001 फार्मासिस्ट को जोड़ा गया है.
रीच इंडिया संस्था कर रही सहयोग
राज्य में टीबी पर नियंत्रण के लिए सामाजिक संस्था रीच इंडिया काम कर रही है. सरकार के साथ मिल कर टीबी के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. रीच की सलाहकार डॉ जया ने बताया कि वह मीडिया कर्मियाें को इसके लिए जागरूक किया जाता है.
स्क्रीनिंग कार्यक्रम संचालित होने से मरीजों की पहचान हो रही है. हम मरीजों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें दवा मुहैया करा रहे हैं. पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों के खाते में 500 रुपये डाले जा रहे हैं. पोषण योजना में पूरे देश में झारखंड अव्वल है.
डाॅ राकेश दयाल, राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी
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