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रांची : इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई का पुलिस एसोसिएशन ने किया विरोध
क्राइम कंट्रोल की जिम्मेदारी डीएसपी-एसपी की भी है रांची : झारखंड पुलिस एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को हुई़ इसमें रांची एसएसपी द्वारा इंस्पेक्टर के खिलाफ की गयी कार्रवाई का विरोध किया गया़. एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय कुमार राम ने कहा कि जब जिले में कोई अपराध होता […]
क्राइम कंट्रोल की जिम्मेदारी डीएसपी-एसपी की भी है
रांची : झारखंड पुलिस एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को हुई़ इसमें रांची एसएसपी द्वारा इंस्पेक्टर के खिलाफ की गयी कार्रवाई का विरोध किया गया़.
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय कुमार राम ने कहा कि जब जिले में कोई अपराध होता है, तब थाना प्रभारी को इसके लिए जिम्मेदार बता कर उन्हें निलंबित और लाइन हाजिर कर दिया जाता है. विशेष कर रांची जिला के एसएसपी द्वारा दो इंस्पेक्टर को निलंबित करने और सात इंस्पेक्टर को हटाने के लिए पुलिस मुख्यालय से पत्राचार करने का विरोध किया गया.
एसोसिएशन के दोनों पदाधिकारियों ने बताया कि शराब कांड में डोरंडा थाना के पूर्व थाना प्रभारी आबिद खान की कोई संलिप्तता नहीं थी. इसके बावजूद उनका नाम इस मामले में घसीटा गया. उन्होंने तो सिर्फ अपने वरीय पदाधिकारी के आदेश का पालन करते हुए गाड़ी को धुर्वा थाना भेजा था.
इसी प्रकार पूर्व गोंदा ट्रैफिक थाना प्रभारी शांता प्रसाद को गोंदा थाना के समीप हुए हत्याकांड मामले में निलंबित किया गया. ट्रैफिक थाना प्रभारी की जिम्मेदारी सिर्फ यातायात का संचालन करना है न कि अपराध नियंत्रण करना. उन्हें अनावश्यक रूप से निलंबित किया गया.
इसी तरह इंस्पेक्टर सुधीर कुमार निकट भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. पुलिस में इतने दिनों की सेवा के बाद उन्हें अपमानित करके हटाना अनुचित है. पुलिस मैनुअल में स्पष्ट है कि जिनकी सेवा दो वर्ष से कम बची है. उन्हें उनकी पसंद के जिले में पोस्टिंग की जाये. परंतु नियमों की अनदेखी कर ऐसे लोगों के स्थानांतरण के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्राचार किया जा रहा है. इस कदम से पुलिसकर्मियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
अक्षमता का आरोप वरीय पदाधिकारियों पर भी लगे
प्रांतीय अध्यक्ष व महामंत्री ने कहा कि किसी थाना क्षेत्र में कोई अपराध होता है, तब इसकी जवाबदेही सिर्फ थाना प्रभारी की नहीं, बल्कि अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी संबंधित डीएसपी और एसपी की भी है. वरीय पदाधिकारियों का भी दायित्व है कि ऐसी स्थिति में अक्षमता का आरोप सभी पर लगाया जाये. सात इंस्पेक्टर को हटाने के लिए एसएसपी के पत्राचार पर कोई भी कार्रवाई हुई, तो पुलिस एसोसिएशन इसका विरोध करेगा.
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