रांची : सुप्रीम कोर्ट से ऊर्जा विकास की याचिका खारिज
रांची : सुप्रीम कोर्ट ने रामजी पावर के साथ आर्बिट्रेशन के मुद्दे पर उभरे विवाद से जुड़ी ऊर्जा विकास निगम (तत्कालीन जेएसइबी) की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अधिनियम की धारा 34 के तहत अार्बिट्रेशन में दिये गये फैसले के खिलाफ अपील करने की निर्धारित सीमा 30 […]
रांची : सुप्रीम कोर्ट ने रामजी पावर के साथ आर्बिट्रेशन के मुद्दे पर उभरे विवाद से जुड़ी ऊर्जा विकास निगम (तत्कालीन जेएसइबी) की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अधिनियम की धारा 34 के तहत अार्बिट्रेशन में दिये गये फैसले के खिलाफ अपील करने की निर्धारित सीमा 30 दिन है.
लेकिन बोर्ड ने अपील दायर करने में काफी देर की. बोर्ड की ओर से आर्बिट्रेशन के एक अवार्ड के मामले में 1005 दिन, दूसरे में 610 दिन और तीसरे में 107 दिन देर की. इसलिए अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत निगम की याचिका स्वीकार योग्य नहीं है और उसे खारिज किया जाता है. अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि पूरे मामले से इस बात का संकेत मिलता है कि बोर्ड के अधिकारियों ने जानबूझ कर अपील दायर करने में याचिकादाता(रामजी पावर) को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से देर की.
क्या है मामला : वर्ष 2007 में एपीडीआरपी से जुड़े काम में देर से वर्क अॉर्डर मिलने के कारण मूल्य वृद्धि की मांग रामजी पावर ने उठायी थी. बोर्ड द्वारा इसे अस्वीकृत किये जाने के बाद यह मामला आर्बिट्रेशन में गया था. आर्बिट्रेटर ने रामजी पावर के पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद बोर्ड ने रामजी पावर को 2008 में करीब 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वर्ष 2010 में बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने आर्बिट्रेटर के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया और अपील दायर की.
सक्षम अदालत से हाइकोर्ट तक बोर्ड की याचिका स्वीकार किये जाने के बाद रामजी पावर ने इन फैसलों में इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करने के बाद बोर्ड की ओर से दायर अपील आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि बोर्ड की ओर से निर्धारित समय सीमा में अपील दायर नहीं किया गया था. सक्षम अदालतों को इस कानून में छूट देकर देर से दायर अपील याचिका को स्वीकार करने का अधिकार नहीं है.
रामजी पावर छह करोड़ का दावा करेगा : पूरे मामले में फैसला आने के बाद रामजी पावर के सीएमडी अशोक सिंंह ने कहा कि बोर्ड पर अब वह छह करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि भुगतान करने का दावा करेंगे क्योंकि काम आरंभ कर दिया गया था.