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रांची : खुले में शौच से मुक्ति के लिए जल सहिया बजायेंगी सीटी
संजीव भारद्वाज जमशेदपुर/रांची : पंचायताें में बनाये गये शाैचालयाें का अधिक से अधिक इस्तेमाल हाे, इसके लिए अब जल सहिया स्वच्छता दूत की अहम भूमिका में दिखेंगी. झारखंड सरकार ने तय किया है कि स्वच्छता जागरूकता अभियान के तहत खुले में शाैच करनेवालाें के खिलाफ जल सहिया अभियान चलायेंगी. सुबह आैर शाम के वक्त वे […]
संजीव भारद्वाज
जमशेदपुर/रांची : पंचायताें में बनाये गये शाैचालयाें का अधिक से अधिक इस्तेमाल हाे, इसके लिए अब जल सहिया स्वच्छता दूत की अहम भूमिका में दिखेंगी. झारखंड सरकार ने तय किया है कि स्वच्छता जागरूकता अभियान के तहत खुले में शाैच करनेवालाें के खिलाफ जल सहिया अभियान चलायेंगी.
सुबह आैर शाम के वक्त वे सीटी बजा कर लाेगाें काे खुले में शाैच से न केवल राेकेंगी, बल्कि शाैचालय क्याें जरूरी है, इसकी क्या उपयाेगिता है के प्रति भी जागरूक करेंगी. अभियान का नेतृत्व करनेवाली जल सहिया काे सरकार ने अतिरिक्त मानदेय देने का भी फैसला किया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि जब सरकार ने शाैचालयाें का निर्माण कराया है ताे उनका इस्तेमाल भी हाेना चाहिए. खुले में शाैच के कारण बीमारियां पैदा हाे रही हैं.
जब तक स्वच्छता काे गंभीरता से नहीं लेंगे तब तक बीमारियाें से नहीं लड़ पायेंगे. गंदगी के कारण ही बीमारियां पनपती हैं. बीमारियाें की चपेट में सबसे अधिक गरीब तबका आता है. इलाज कराने के चक्कर में वे अपने मेहनत से कमाई हुई पूंजी लगा देते हैं. इसलिए अब सरकार ने फैसला किया है कि हर पंचायत में जल सहिया इस अभियान का नेतृत्व करेंगी. 31 अक्तूबर तक यह अभियान पूरे राज्य में चलाया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 121 दिनों तक झारखंड में स्वच्छता जागरूकता अभियान पूरी निष्ठा के साथ सभी के साथ मिल कर चलाया जायेगा. ग्राम चौपाल और आपसी संवाद का उद्देश्य जनशक्ति और सरकार की शक्ति को मिला कर झारखंड का समग्र विकास करना है.
यह जनशक्ति का ही परिणाम है कि राज्य काे 99 प्रतिशत खुले में शौच से मुक्ति मिल चुकी है. शौचालय के उपयोग हेतु लोगों को जागरूक करना हम सबकी जिम्मेदारी है. अधूरे और छूटे हुए शौचालय का निर्माण सुनिश्चित करना है. जिला प्रशासन हर संभव सहयोग प्रदान करेगा. इस कार्य में शामिल की गयीं राज्य की 38 हजार जल सहिया को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. देश, राज्य, समाज और परिवार तभी आगे बढ़ेगा जब देश की महिलाओं का सशक्तीकरण होगा.
आज महिलाएं ही कुटुंब व्यवस्था संचालित कर रहीं हैं. महिलाओं काे आगे बढ़ना है. यह कार्य सरकार लगातार करने का प्रयास कर रही है. खुले में शाैच से मुक्त के लिए सरकार ने अक्षेस, नगरपालिका, पंचायताें में सार्वजनिक शाैचालयाें का निर्माण कराया. लाेगाें काे इनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया. इसके बाद भी जब कुछ लाेग खुले मेें जाने लगे ताे उन्हें गुलाब का फूल देकर गांधीगिरी की गयी, इस बाद जब कुछ लाेग नहीं सुधरे ताे उनके खिलाफ फाइन की प्रक्रिया अपनायी गयी.
अब एक बार फिर सरकार ने गंदगी से मुक्ति के लिए आैर खुले में लाेग शाैच नहीं करें इसकाे लेकर जल सहिया काे अहम जिम्मेदारी साैंपने का फैसला किया गया है. इसके पूर्व जल सहिया से पेयजल सुविधा बहाल करने, शौचालय निर्माण के लिए बेस लाइन सर्वे जैसे महत्वपूर्ण काम भी सरकार द्वारा लिये गये हैं.
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