रांची : प्रभात खबर और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में यूनिसेफ झारखंड चिल्ड्रेंस फिल्म फेस्टिवल सह वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा़ अगर आप विद्यार्थी हैं और फिल्म की तरफ झुकाव रखते हैं, तो आपके लिए शानदार मौका है फिल्म को और बारिकी से समझने का अपनी फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का.
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यूनिसेफ झारखंड चिल्ड्रेंस फिल्म फेस्टिवल में इंट्री भेजने की तारीख तीन दिन बढ़ी
रांची : प्रभात खबर और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में यूनिसेफ झारखंड चिल्ड्रेंस फिल्म फेस्टिवल सह वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा़ अगर आप विद्यार्थी हैं और फिल्म की तरफ झुकाव रखते हैं, तो आपके लिए शानदार मौका है फिल्म को और बारिकी से समझने का अपनी फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक […]
इस फेस्टिवल में पार्टिसिपेट करने के लिए पांच अक्तूबर तक आवेदन की तारीफ तय थी जिसे बढ़ाकर अब 8 अक्टूबर तक कर दिया गया है. ऑल इंडिया शॉर्ट फिल्म कॉडिनेटर डॉ सुदर्शन यादव ने बताया कि बहुत सारे विश्वविद्यालय से हमें आग्रह किया गया कि हमारे बच्चे भी हिस्सा लेना चाहते हैं. वह फिल्म पर काम कर रहे हैं थोड़ा और वक्त मिलना चाहिए. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे हिस्सा ले सकें इसलिए हमने 8 अक्टूबर तक तारीख आगे बढ़ा दी. 19 और 20 नवंबर को पुरस्कार वितरण किया जायेगा.
इस प्रतियोगिता में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र भी हिस्सा ले रहे हैं. कई छात्रों का ग्रुप फिल्म शुट कर चुका है और अब पूरी मेहनत एडिटिंग पर हो रही है. प्रभात खबर फेसबुक लाइव में छात्रों ने बताया कि हमें पांच मिनट में अपनी बात रख देनी है.. सेंट्रल युनिवर्सिटी झारखंड से छह फिल्में हिस्सा ले रही है. जिसमें पोषण, लिंग भेद और बाल विवाह जैसे अहम विषय शामिल हैं. कुछ छात्र इन समस्याओं के हल पर भी फिल्म बना रहे हैं. फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे फर्स्ट ईयर के छात्र गौरव ने कहा, पांच मिनट में अपनी बात रखना हमारी लिए चुनौती है. हमलोगों ने पूरी कोशिश की है कि अपनी बात रख सकें. अब फिल्म दर्शकों आयेगी तब पता चलेगा हम कितने सफल हुए हैं.
छात्र नेहा नंदनी बाल विवाह पर अपने ग्रुप के साथ मिलकर फिल्म बना रही है. उन्होंने फेसबुक लाइव में बताया कि यह पहला मौका था, जब मैंने एक्टिंग की है. मैं एक्टर नहीं हूं लेकिन मैंने पूरी मेहनत की है. हमें अपने शिक्षकों का सहयोग मिला है. उम्मीद है हमारी फिल्म दर्शकों को पसंद आयेगी.
श्रुति की टीम भी बाल विवाह पर फिल्म बना रही है. इन्होंने फिल्म का नाम "आवा रे बहुरिया " रखा है. श्रुति ने कहा, हमने कुछ अलग करने की कोशिश की है. हमारी कोशिश है कि जो बात अबतक कही गयी है उससे अलग दर्शकों तक पहुंचा सकें. छात्र ऋृतिक ने बताया कि हमारी फिल्म पोषण के विषय पर केंद्रीत है. हमारा काम लगभग पूरा हो गया है अब बस इंतजार है दर्शकों को यह कितनी पसंद आती है.
अगर आप भी विद्यार्थी है, तो 8 अक्टूबर तक आपके पास मौका है. 19और 20 नवंबर को पुरस्कार वितरण किया जायेगा. फिल्म फेस्टिवल के साथ नेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल भी होगा. इसके साथ फेस्टिवल के दौरान विभिन्न संस्थानों के मीडिया कोर्स के 50 विद्यार्थियों के लिए वर्कशॉप का मौका मिलेगा. इसमें झारखंड के अलावा देश के अन्य हिस्सों ने विद्यार्थी पार्टिसिपेट कर सकते हैं. इसमें शामिल होने के लिए विद्यार्थी का संस्थान के मीडिया कोर्स का फुलटाइम स्टूडेंट होना आवश्यक है. इससे संबंधित विस्तृत जानकारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.cuj.ac.in/jcff2018 पर उपलब्ध है.
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