आइएपी में शामिल करने की अनुशंसा
रांची: गृह मंत्रालय ने संतालपरगना के देवघर, दुमका और पाकुड़ को इंटिग्रेटेड एक्शन प्लान(आइएपीफ) में शामिल करने की अनुशंसा की है. मंत्रालय ने अपनी अनुशंसा योजना आयोग को भेज दी है. आयोग से अपनी राय को प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराने का अनुरोध किया है. गृह मंत्रलय ने यह कदम सांसद निशिकांत दूबे की पहल […]
रांची: गृह मंत्रालय ने संतालपरगना के देवघर, दुमका और पाकुड़ को इंटिग्रेटेड एक्शन प्लान(आइएपीफ) में शामिल करने की अनुशंसा की है. मंत्रालय ने अपनी अनुशंसा योजना आयोग को भेज दी है. आयोग से अपनी राय को प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराने का अनुरोध किया है. गृह मंत्रलय ने यह कदम सांसद निशिकांत दूबे की पहल पर उठाया है.
प्रधानमंत्री को दिया है ज्ञापन
सांसद ने संतालपरगना के छह जिलों (दुमका, गोड्डा, देवघर, पाकुड़, जामताड़ा, साहेबगंज) को आइएपी में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है. उन्होंने इसके लिए इलाके में उग्रवादी गतिविधियों और पिछड़ेपन का हवाला भी दिया है. ज्ञापन पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा गृह मंत्रलय से राय मांगी गयी.
संताल के तीन जिले एसआरइ में शामिल
गृह मंत्रलय ने इस मामले में अपनी राय देते हुए कहा है कि संतालपरगना के छह में से तीन जिले (देवघर, दुमका, पाकुड़) एसआरइ में शामिल हैं. शेष तीन जिले इस योजना में शामिल नहीं हैं. गृह मंत्रलय के पास गोड्डा और जामताड़ा को एसआरइ में शामिल करने का प्रस्ताव विचाराधीन है. हालांकि विभाग पाकुड़ को एसआरइ में शामिल करने पर विचार नहीं कर रहा है. संतालपरगना के छह जिलों में से एक भी आइएपी में शामिल नहीं हैं. गृह मंत्रलय इनमें से तीन जिलों को आइएपी में शामिल करने का पक्षधर है क्योंकि ये तीन जिले आरइसी में शामिल हैं. इन तीन जिलों को आइएपी में शामिल करने के लिए योजना आयोग की सहमति आवश्यक है. इसलिए आयोग से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी राय से अवगत कराने का अनुरोध किया जाता है.