रांची : हाइकोर्ट से पूर्व उत्पाद मंत्री राजा पीटर को राहत नहीं मिली. तमाड़ के तत्कालीन विधायक सह पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले के आरोपी गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर की अोर से दायर जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रार्थी को जमानत देने से इनकार कर दिया. याचिका खारिज कर दी.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है. हत्या का मामला उनके खिलाफ नहीं बनता है. हत्या मामले में उन्हें फंसाया गया है. वे लंबे समय से जेल में हैं.
हिरासत की अवधि को देखते हुए जमानत देने का आग्रह किया गया. वहीं एनआइए की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में राजा पीटर की संलिप्तता की बात सामने आयी है. गवाहों के बयान में राजा पीटर का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में आया है. केस डायरी व चार्जशीट में इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. एनआइए की ओर से एक गवाह का बयान भी दर्ज कराया गया है.
बयान में कहा गया है कि राजा पीटर ने रमेश सिंह मुंडा की हत्या के लिए नक्सलियों को हथियार व पैसा मुहैया कराया था. राजा पीटर के घर से जो दस्तावेज मिले हैं, उससे इनकी माओवादियों के साथ संलिप्तता साबित होती है. राजा पीटर तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़े और जीत कर विधायक बने थे