रांची : राजधानी की लचर सफाई व्यवस्था को लेकर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में बैठक की. इसमें नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर आयुक्त मनोज कुमार और एस्सेल इंफ्रा के प्रतिनिधि शामिल थे. इस दौरान मंत्री ने कार्य में शिथिलता और लापरवाही की वजह से एस्सेल इंफ्रा को फटकार लगायी. मंत्री ने कंपनी के प्रतिनिधियों को दो टूक कहा : काम नहीं कर सकते हैं, तो वापस चले जाइये.
इस पर एस्सेल इंफ्रा के प्रतिनिधियों के मंत्री से समय देने का आग्रह किया. मंत्री ने उनसे लिखित आश्वासन देने के बाद ही मौका देने की बात कही. कहा कि एस्सेल इंफ्रा को अंतिम मौका दिया जा रहा है. अगर 15 नवंबर तक राजधानी की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो कंपनी की छुट्टी कर दी जायेगी.
इस बीच सफाई का आकलन उन सभी 33 वार्डों में किया जायेगा, जहां एजेंसी द्वारा काम किया जा रहा है. सुधार नहीं होने पर उसे शेष 20 वार्डों में सफाई का काम नहीं दिया जायेगा. अगले साल मई महीने से यह काम भी छीन लिया जायेगा.
33 वार्डों के लोगों का विश्वास जीतें : विभागीय सचिव ने कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा की 33 वार्डों में सफाई कर लोगों का विश्वास जीतें. वरना, शेष 20 वार्डों की सफाई का काम नहीं दिया जायेगा. 15 नवंबर तक काम करके दिखायें.
20 नवंबर को शहर की सफाई कार्य का आकलन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए जरूरी मदद विभाग द्वारा प्रदान की जायेगी. बैठक में एजेंसी को मुख्य मार्गों की सफाई के लिए मेकैनिकल स्वीपिंग इस्तेमाल करने के निर्देश दिये गये.
इस्सेल इंफ्रा के प्रतिनिधियों ने बताया कि एजेंसी द्वारा नयी गाड़ियों की खरीद की जा रही है. स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में रांची को क्लीनस्ट सिटी बनाने के लिए कचरा निस्तारण के आधुनिक तरीकों को अपनाया जायेगा. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तैयार होने तक कचरा प्रबंधन के तरीकों पर जल्द ही फैसला कर लिया जायेगा. नगर विकास मंत्री ने व्यवस्था में सुधार के लिए लोगों से टोल फ्री नंबर पर शिकायतें दर्ज कराने का आग्रह किया है.