रांची : आयुष्मान भारत योजना को लागू करने में रांची जिला अव्वल रहा है. योजना के शुरू होने के बाद से अब तक यहां के सदर अस्पताल में 81 लाभुकों को लाभ मिल चुका है.
इनमें सिजेरियन की संख्या सबसे अधिक है. इसके बाद दूसरे स्थान पर कोडरमा जिला है, जहां 27 मरीजों को आयुष्मान भारत योजना को लाभ मिला है. गुमला और पश्चिमी सिंहभूम में 18 लाभुकों को इस याेजना के तहत इलाज किया गया है. हालांकि, इस योजना के तहत प्रतिदिन गोल्डेन कार्ड बनाया जा रहा है. आवश्यकतानुसार मरीज इसका लाभ भी उठा रहे हैं.
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इस योजना के तहत 55 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. कई मरीज इस योजना के तहत अस्पताल भर्ती हो चुके हैं. वहीं, करीब 250 के करीब लाभुकाें का गोल्डेन कार्ड बनाया गया है. रिम्स प्रबंधन ने पहले दिन उदघाटन के समय राज्य में सबसे पहले नौ मरीजों का ऑपरेशन इस योजना के तहत किया था. इधर, धनबाद स्थित पाटलिपुत्रा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में दो व एमजीएम जमशेदपुर में छह लाभुकों ने इस योजना का लाभ लिया है.
पांच जिलों में एक भी मरीज को नहीं मिला लाभ
राज्य के पांच जिलों में आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक एक भी मरीज को लाभ नहीं मिल पाया है. हालांकि, यहां गोल्डेन कार्ड बनाया गया है. जिन जिलों में आयुष्मान भारत योजना का लाभ अब तक नहीं मिला है, उसमें जिला अस्पताल कोडरमा, जिला अस्पताल खूंटी, जिला अस्पताल रामगढ़, जिला अस्पताल साहेबगंज, जिला अस्पताल पाकुड़ शामिल हैं.
जिला लाभुक
रांची 81
जामताड़ा 04
खूंटी 00
गोड्डा 00
कोडरमा 27
रामगढ़ 00
पूर्वी सिंहभूम 01
बोकारो 01
जिला लाभुक
चतरा 07
दुमका 17
गिरिडीह 01
गुमला 18
साहेबगंज 00
सरायकेला-
खरसावां 04
सिमडेगा 07
जिला लाभुक
पश्चिम सिंहभूम 18
पलामू 04
देवघर 03
गढ़वा 01
हजारीबाग 15
लातेहार 12
लोहरदगा 06
पाकुड़ 00
…और इधर, रिम्स में आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए भटक रही है फुलवा देवी
रांची. रिम्स में पलामू की फुलवा देवी (37 वर्ष) को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. परिजन तीन दिन से मरीज को लेकर भटक रहे हैं. वह इमरजेंसी के पास स्थित शौचालय के पास पड़ी है. पति मानदेव ने बताया कि पत्नी को पेट दर्द की शिकायत बढ़ गयी है.
बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाये हैं, लेकिन डॉक्टर कहते है कि जब तक सभी जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती है, तब तक मरीज को भर्ती नहीं किया जायेगा. डॉक्टर साहब से आग्रह कर रहे हैं, वह लेकिन मानने को तैयार नहीं है. आयुष्मान कार्ड की जानकारी भी दी है. पहले पत्नी का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद समस्या बढ़ने पर यहां लाये हैं.
जानकारी के अनुसार पहले मरीज को मेडिसिन ओपीडी में दिखाया गया था. वहां से डॉक्टर ने सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया. सर्जरी वाले डॉक्टर कुछ जांच लिख दिया, जिसे कराने में मरीजों को दिक्कत हो रही है. उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार ने बताया कि गंभीर मरीज को पहले भर्ती करना चाहिए. अगर उसके पास आयुष्मान कार्ड है, तो सभी इलाज नि:शुल्क हो जायेगा. सोमवार को जानकारी लेंगे.