रांची : कांटाटोली में संरचनाओं का फिर से सर्वे करायेगा जिला प्रशासन, मिली कई त्रुटियां

सोशल इंपैक्ट असेसमेंट की रिपोर्ट में मिली कई त्रुटियां रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर के निर्माण से प्रभावित लोगों का जिला प्रशासन एक बार फिर सर्वे करने की योजना बना रहा है. क्योंकि, सोशल इंपैक्ट असेसमेंट (एसआइए) के बाद जो सूची जिला प्रशासन को सौंपी गयी है, उसमें कई त्रुटियां मिली हैं. इसे गंभीरता से लेते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2018 8:00 AM
सोशल इंपैक्ट असेसमेंट की रिपोर्ट में मिली कई त्रुटियां
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर के निर्माण से प्रभावित लोगों का जिला प्रशासन एक बार फिर सर्वे करने की योजना बना रहा है. क्योंकि, सोशल इंपैक्ट असेसमेंट (एसआइए) के बाद जो सूची जिला प्रशासन को सौंपी गयी है, उसमें कई त्रुटियां मिली हैं. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने सर्वे कराने का निर्णय लिया है.
जानकारी के अनुसार कांटाटोली में फ्लाइओवर को लेकर करीब 124 संरचनाओं को हटाया गया. कई घरों में एक से अधिक दुकानें संचालित हो रही थीं. केंद्रीय विवि ने इसका एसआइए किया था. एसआइए रिपोर्ट में 68 दुकानदारों की सूची ही सौंपी गयी थी. जबकि, जिला भू-अर्जन कार्यालय में अब तक वैसे 60 दुकानदारों ने मुआवजा के लिए आवेदन दिया है, जिनका नाम सूची में नहीं है. एसआइए सूची से सिर्फ 50 प्रतिशत आवेदन आने के बाद अब भू-अर्जन कार्यालय फिर से दुकानदारों का सर्वे कराने की योजना बना रहा है.
किसी को नहीं मिला मुआवजा : सूची में जिन दुकानदारों के नाम नहीं हैं, उनकी ओर से आपत्ति आने के कारण सूचीबद्ध दुकानदारों को भी फिलहाल मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. भू-अर्जन कार्यालय इस मामले में गंभीरता से विचार कर रहा है.
कार्यालय का मानना है कि सर्वे रिपोर्ट में अगर दुकानदार छूट गये हैं, तो इससे संबंधित संचिका अपर समाहर्ता को भेजी जायेगी. सर्वे के बाद जिनको भी मुआवजा मिलना होगा, मिलेगा. ज्ञात हो कि दुकानदारों को पुन: व्यवस्थित करने के लिए 75000 रुपये दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन, जब तक स्थिति साफ नहीं हो जाती है, तब तक किसी को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.
चार जून को हुआ जमीन का अधिग्रहण
कांटाटोली फ्लाइओवर के लिए जमीन का अधिग्रहण चार जून को किया था. सुबह 5:30 बजे ही जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और जुडको की टीम ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी थी. इस अभियान के तहत 112 संरचनाओं को तोड़ा गया था. हालांकि, 124 संरचनाओं को तोड़ना था. लेकिन, रैयतों ने आग्रह किया कि वे खुद ही संरचनाओं को तोड़ लेंगे. आग्रह के बाद 12 संरचनाओं को छोड़ दिया गया था, जिन्हें रैयतों ने बाद में खुद ही तोड़ लिया.

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