रांची : जैन परिवार का इतिहास रहा है काफी पुराना, व्यवसाय के साथ समाज सेवा में भी कायम की मिसाल

राजेश कुमार विभिन्न सदस्य अलग-अलग व्यवसाय से हैं जुड़े कर्मठ और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे हरकचंद जैन, सादा जीवन और उच्च विचार में रखते थे विश्वास समाज सेवा के काम से प्रभावित होकर अंग्रेज प्रशासन ने राय बहादुर के खिताब से किया था सम्मानित रांची : जो भी मदद के लिए जाता, उनके पास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2018 8:50 AM
राजेश कुमार
विभिन्न सदस्य अलग-अलग व्यवसाय से हैं जुड़े
कर्मठ और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे हरकचंद जैन, सादा जीवन और उच्च विचार में रखते थे विश्वास
समाज सेवा के काम से प्रभावित होकर अंग्रेज प्रशासन ने राय बहादुर के खिताब से किया था सम्मानित
रांची : जो भी मदद के लिए जाता, उनके पास से खाली हाथ नहीं लौटता. दाहिने हाथ से की गयी मदद के बारे में उनके बायें हाथ को पता नहीं चलता था. उन्होंने ऐसी गोपनीयता जीवन भर बनाये रखी. जरूरतमंदों को शादी-विवाह के मौकों पर दिल खोल कर मदद करते थे. हम बात कर रहे हैं प्रसिद्ध समाजसेवी व व्यवसायी स्वर्गीय राय बहादुर हरकचंद जैन की.
साथ काम कर रहे लोगों को हमेशा करते थे प्रोत्साहित
प्रसिद्ध समाजसेवी राय बहादुर हरक चंद जैन कर्मठ, मिलनसार, सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखनेवाले व्यक्ति थे. उन्होंने इसके अनुसार जीवन भी जिया. उनके समाज सेवा के काम से प्रभावित होकर अंग्रेज प्रशासन ने उन्हें राय बहादुर के खिताब से सम्मानित किया.
लेकिन उन्होंने कभी इस उपाधि का उपयोग नहीं किया. उनका जन्म तीन सितंबर 1913 को रांची में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय सूरजमल जैन थे. पिता भी कुशल व्यवसायी के साथ-साथ समाजसेवी थे. परंपरा से ही उनके जीवन मूल्यों को अपनाया जा रहा है.
13 साल की उम्र में पिता का हो गया निधन
हरक चंद जैन की उम्र जब 13 साल की थी, तभी पिता का निधन हो गया. फिर भी वे घबराये नहीं. आगे बढ़े. भाइयों के साथ-साथ परिवार को भी संभाला. वे भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके भाइयों में ताराचंद जैन, ज्ञानचंद जैन एवं प्रकाशचंद जैन थे. घर को संभालने के साथ-साथ सार्वजनिक जीवन में भी कई बड़े-बड़े सामाजिक काम किये.
पहले हैंड पंप से चलता था पेट्रोल पंप
उन दिनों पेट्रोल पंप हैंड-पंप द्वारा चलता था. रतनलाल सूरजमल के नाम से पंप चलता था. ऐसे में जब कभी कर्मचारी अनुपस्थित रहते थे, हरकचंद स्वयं काम संभाल लेते थे. वे मुनीम के आने से पूर्व ही सफाई, रोकड़, खाता-बही और पत्र-व्यवहार का निरीक्षण भी स्वयं कर लेते थे. अंग्रेजों के राज्य में गवर्नर, कमिश्नर, जिलाध्यक्ष से लेकर पुलिस अधिकारी भी उनसे हमेशा खुश रहे.
राम-लक्ष्मण की जोड़ी कहते थे लाेग
हरकचंद जैन और उनके भाई ताराचंद जैन को लोग राम-लक्ष्मण की जोड़ी कहते थे. हरकचंद जैन के सात पुत्र और चार पुत्रियां हैं. एक पुत्र अजीत जैन का निधन हो गया है. सात बेटों में एक राजकुमार जैन के तीन बेटे हैं. संजय जैन, अजय जैन एवं विजय जैन हैं. इनके कारोबार में कंप्यूटर नेटवर्क, सीएन होंडा, रतनलाल सूरजमल पेट्रोल पंप, सीएन गारमेंट्स, यूनव अकादमी एवं एमआइ का डिस्ट्रीब्यूटरशिप शामिल है.
वहीं, रमेश कुमार जमशेदपुर में पेट्रोल पंप का संचालन कर रहे हैं, जबकि पदम कुमार जैन चाईबासा एवं रांची में आयरन ओर माइंस एवं पेट्रोल पंप का व्यवसाय कर रहे हैं. ललित कुमार चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं, जबकि अशोक कुमार जैन अशोक इंटरप्राइजेज एवं गारमेंट्स और अनिल कुमार रियल इस्टेट का व्यवसाय कर रहे हैं. वहीं, ताराचंद जैन के पुत्र स्वर्गीय निर्मल जैन हैं. उनके पुत्र प्रदीप जैन माइंस एवं गोदरेज शोरूम का संचालन कर रहे हैं.
नरेंद्र कुमार व रतनलाल ताराचंद, एसीसी सीमेंट का सीएनएफ, केरोसीन ऑयल डिपो एवं एवरेस्ट सीट्स का काम देखते हैं. इसी प्रकार स्वर्गीय सुनील कुमार के पुत्र सुमित एवं सचित होराइजन होंडा का काम देख रहे हैं.
प्रकाशचंद जैन के तीन बेटे हैं. इनमें सुरेश कुमार, हेमंत कुमार एवं स्वर्गीय विकास कुमार हैं. सुरेश कुमार पेट्रोल पंप एवं डालटेनगंज में हीरो टू व्हीलर शोरूम का काम देखते हैं. इसी प्रकार हेमंत कुमार हीरो टू व्हीलर की डीलरशिप रांची में ऑटोबाइक्स एवं ऑटोमोबाइक्स एवं स्वर्गीय विकास कुमार जैन के पुत्र चेतन पार्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखते हैं.
20 से अधिक संस्थाओं के रह चुके हैं अध्यक्ष
धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक और व्यावसायिक क्षेत्र में ऊंचाई पर पहुंचे. मंदिर, विद्यालय, औषधालय, धर्मशाला, विवाह भवन आदि खोले. बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और छोटानागपुर चेंबर के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अतिरिक्त 20 से अधिक संस्थाओं के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कई एडवाइजरी बोर्ड में भी सदस्य भी रहे हैं.
इन्हें झारखंड रत्न, जैन रत्न के अलावा कई सारे अवार्ड भी मिले हैं. हरकचंद जैन ने रतनलाल स्मृति भवन, रतनलाल सूरजमल मध्य विद्यालय, रांची, नि:शुल्क अजीत होमियो हॉल, गुरुनानक अस्पताल में एमआइसीयू का निर्माण कराया. यह सिलसिला लगातार जारी है.

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