छह ग्रिड सब स्टेशन के लिए नहीं मिली जमीन

रांची: राज्य के छह ग्रिड सब स्टेशनों के लिए अभी तक जमीन नहीं मिली है. इसके कारण इनका निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. दूसरी ओर इसके लिए करोड़ों रुपये के उपकरण मंगा कर खुले में रख दिये गये हैं. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (पीजीसीआइएल) द्वारा यह ग्रिड झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लि के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2014 1:54 PM

रांची: राज्य के छह ग्रिड सब स्टेशनों के लिए अभी तक जमीन नहीं मिली है. इसके कारण इनका निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. दूसरी ओर इसके लिए करोड़ों रुपये के उपकरण मंगा कर खुले में रख दिये गये हैं.

पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (पीजीसीआइएल) द्वारा यह ग्रिड झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लि के लिए बनाया जाना है. पीजीसीआइएल द्वारा पूरे राज्य में 1310 करोड़ की लागत से ट्रांसमिशन लाइन व ग्रिड सब स्टेशन बनाया जा रहा है. भुगतान नहीं मिलने की वजह से दिसंबर 2013 से पीजीसीआइएल ने ट्रांसमिशन लाइन का काम रोका हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार 400/200/132 केवी पतरातू में व लातेहार में ग्रिड सब स्टेशन बनाया जाना है. भविष्य में पतरातू को तेनुघाट के ललनियां ग्रिड से जोड़ना है., ताकि तेनुघाट की बिजली पतरातू होते हुए रांची को भी मिल सके. इनके अलावा 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन चाईबासा, गोविंदपुर, लोहरदगा व दुमका में भी बनाया जाना है. इसके लिए जमीन नहीं मिल रही है. बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अविलंब जमीन की तलाश कर ग्रिड सब स्टेशनो ंका निर्माण कर दिया जाना चाहिए. आये दिन लोड बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में ग्रिड सब स्टेशन रहेंगे तो एक साथ पूरे राज्य में बिजली की बेहतर आपूर्ति की जा सकेगी.

जमीन मिली नहीं, लेकिन उपकरण आ गये

स्थिति यह है कि ग्रिड के लिए जमीन नहीं मिली है, लेकिन उपकरण आ गये हैं. पतरातू में प्रस्तावित ग्रिड सब स्टेशन के लिए 100-100 एमवीए के दो पावर ट्रांसफारमर की आपूर्ति की गयी है. साथ ही अन्य एसेसरीज भी आ गयी है. जमीन का कोई अता-पता नहीं है कि ग्रिड सब स्टेशन कहां बनेगा. जगह न होने की वजह से पावर ट्रांसफारमर को पीटीपीएस के मेन गेट के पास खुले में ही रख दिया गया है. इस पावर ट्रांसफारमर की कीमत 10 करोड़ रुपये बतायी जा रही है. इसका भुगतान पहले ही पीजीसीआइएल को किया जा चुका है. जानकार बताते हैं कि अब बारिश का मौसम आरंभ होने वाला है. ऐसी स्थिति में खुले में ही बिना देखरेख के ट्रांसफारमर को रखा जायेगा तो खराब होने की आशंका है. इसी तरह लातेहार में भी दो पावर ट्रांसफारमर मंगा लिये गये हैं. चाईबासा ग्रिड सब स्टेशन के लिए 85 प्रतिशत उपकरणों की आपूर्ति हो चुकी है. यहां भी जमीन का कोई ठिकाना नहीं है.

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