”झारखंड के नगर निकाय क्षेत्र में अब कोई बेघर नहीं रहेगा, सभी का होगा अपना घर”
रांची : सरकार राज्य में सस्ते दर पर आवास बनवायेगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के विभिन्न नगर निकाय क्षेत्र के स्लम में रहने वाले लोगों को सरकार सस्ते दर पर बना बनाया आवास G-3 मुहैया करायेगी. एक यूनिट आवास के निर्माण पर लगभग 7.5 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसमें […]
रांची : सरकार राज्य में सस्ते दर पर आवास बनवायेगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के विभिन्न नगर निकाय क्षेत्र के स्लम में रहने वाले लोगों को सरकार सस्ते दर पर बना बनाया आवास G-3 मुहैया करायेगी. एक यूनिट आवास के निर्माण पर लगभग 7.5 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसमें 1 लाख केंद्र और 1 लाख रुपये राज्य सरकार का अनुदान होगा.
इसी तरह सरकार वैसे लोगों को भी सस्ते दर आवास उपलब्ध करायेगी जिनका देश के किसी भी हिस्से में घर नहीं है. उन्हें अपने पैतृक अंचल के राजस्व कर्मी से प्रमाण पत्र लेना होगा. उनके पास वोटर आई कार्ड बैंक एकाउंट का होना अनिवार्य हैं. प्रति यूनिट आवास के निर्माण पर यहां भी 7 से 8 लाख रूपये लागत का अनुमान लगाया है. इसमें केन्द्र 1.5 लाख और 1 लाख रुपये राज्य सरकार का अनुदान होगा.’
एक रुपये में होगी रजिस्ट्री
बताया गया कि उसका क्षेत्र 270 से 300 स्क्वायर फीट होगा. मकान का स्ट्रक्चर जी प्लस थ्री होगा. जिसमें एक लिविंग रूम, एक बेडरूम, एक बाथरूम और किचन होगा. नगर विकास विभाग द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार राज्य के विभिन्न नगर निकाय क्षेत्रों में लगभग 53 हजार स्लम क्षेत्र में आवास तथा 74 हजार अन्य आवास बनाये जायेंगे.
इस बाबत मंगलवार को हुई राज्य की कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया. कैबिनेट सेक्रेट्री एसकेजी रहाटे और नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि पीपीपी मोड पर प्राइवेट डेवलपर को जमीन दी जायेगी. जिसके 45 फीसदी हिस्से पर उसका अधिकार होगा. जबकि 55 फीसदी भूभाग पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाये जायेंगे.
उन्होंने बताया कि ‘स्टेट डेवलपमेंट फंड’ का सृजन किया जायेगा. जिसके तहत ‘डेवलपर का अंश या उससे दिये जाने वाला राज्य सरकार की तरफ से ग्रांट जमा होगा.’ इस योजना के लिए ‘स्कीम के नोटिफिकेशन की डेट को कट ऑफ डेट माना गया है जो 17 जून 2015’ है.
बैंक से लोन को लेकर होगा टाई अप
नगर विकास विभाग के सचिव ने बताया कि बैंकों के साथ टाइअप किया जा रहा है. जिसके तहत कम इंटरेस्ट पर लोन मिलेगा और लाभुक को मॉर्गेज के रूप में कुछ नहीं देना होगा. वहीं मकान की लॉकिंग पीरियड 15 साल तक होगी. जिसके बाद ही मकान का ऑनर उसे बेच पायेगा.’