रांची : केंद्र सरकार ने कोल इंडिया के तीन प्रतिशत शेयर बुधवार को बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये बाजार में उतारेगी. इसके लिए न्यूनतम 266 रुपये प्रति शेयर मूल्य तय किये गये हैं. उम्मीद है कि इससे सरकार को कम से कम पांच हजार करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं. पेशकश से ज्यादा शेयरों के लिए आवेदन मिलने पर छह प्रतिशत शेयर बेचे जा सकते हैं.
इसके लिए संस्थागत निवेशकों को बुधवार को और खुदरा निवेशकों के लिए गुरुवार को बोली लगाने का मौका मिलेगा. खुदरा निवेशकों को आवंटन मूल्य में पांच प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी. यदि सरकार नौ प्रतिशत हिस्सेदारी बेची, तो इससे करीब 15 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे.
कोल इंडिया का शेयर 3.62 प्रतिशत गिरा : सरकार ने जनवरी 2015 में ओएफएस के जरिये कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री कर करीब 23 हजार करोड़ रुपये जुटाये थे. सरकार की इस घोषणा के बाद कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में मंगलवार को 3.62 प्रतिशत गिर कर 277 रुपये पर बंद हुआ.
आज होगी गेट मीटिंग : केंद्र सरकार के इस निर्णय का मजदूर यूनियनों ने विरोध किया है. बुधवार को सीटू से संबद्ध एनसीओइए के महासचिव आरपी सिंह ने कहा कि कोल इंडिया के स्थापना दिवस से पूर्व इस तरह का निर्णय मजदूर विरोधी है. यह कोल इंडिया के निजीकरण की दिशा में एक कदम है.
नौ फीसदी शेयर बेचने से कोल इंडिया का कुल 30.68 फीसदी शेयर निजी हाथों में चला जायेगा. कोल इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 69.32 फीसदी हो जायेगी. इसके बाद मात्र 19.32 फीसदी शेयर विनिवेश होते ही कंपनी निजी हो जायेगी. इसके विरोध में बुधवार को सभी कोलियरियों में गेट मीटिंग होगी और सरकार का पुतला दहन किया जायेगा. साथ ही चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जायेगा.