रांची : युवाओं की आकांक्षा को ध्यान में रखना जरूरी

रांची : झारखंड में आकांक्षी जिलों के संदर्भ में कौशल और आजीविका की मांग, अंतर और आपूर्ति विषय पर बेतार केंद्र निवारणपुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया. सिटिजंस फाउंडेशन और एनएसडीसी नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला हुई. मुख्य अतिथि एनएसडीसी के जयंत सिंह ने कहा कि युवाओं की आकांक्षा को ध्यान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2018 9:47 AM
रांची : झारखंड में आकांक्षी जिलों के संदर्भ में कौशल और आजीविका की मांग, अंतर और आपूर्ति विषय पर बेतार केंद्र निवारणपुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया.
सिटिजंस फाउंडेशन और एनएसडीसी नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला हुई. मुख्य अतिथि एनएसडीसी के जयंत सिंह ने कहा कि युवाओं की आकांक्षा को ध्यान में रखा जाना चाहिए. समस्या यह है कि पर्याप्त गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे की उपलब्धता युवाओं की आकांक्षा से मेल नहीं खाती है. हमें पारंपरिक व्यापार और अर्थव्यवस्था को समझने और उन्हें बढ़ावा देने की आवश्यकता है. इसके लिए हमें विशेष कार्य योजना तैयार करने और निष्पादित करने की आवश्यकता है.
विकास भारती के संयुक्त सचिव केके पांडे ने कहा कि झारखंड के आकांक्षी जिलों में युवाओं की आकांक्षा को समझना होगा. उन्होंने कहा कि हमें पहले से मौजूद पारंपरिक संसाधनों को क्षेत्र में आजीविका के लिए उपयोग करना चाहिए. इसमें मधुमक्खी पालन, बागवानी, मोबाइल मरम्मत, सिलाई-कढ़ाई, ऑर्गेनिक खेती तथा खाद्य प्रसंस्करण आदि शामिल हैं.
इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक बालकृष्ण सिंह ने कहा कि कौशल में रचनात्मकता होनी चाहिए. किसानों की आय को खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से दोगुना किया जा सकता है और युवाओं को इसमें शामिल किया जा सकता है. सीए राजीव कमल ने जीवनशैली और कौशल विकास के माध्यम से आय को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं पर अपने विचारों को रखा. कार्यशाला में विभिन्न जिलों के युवा उपस्थित थे.

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