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रांची : मनी लाउंड्रिंग मामला, पूर्व आप्त सचिव और रिश्तेदारों की तलाश जारी, पढ़ें पूरी खबर
शकील अख्तर रांची : मनी लाउंड्रिंग मामले में इडी को मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व निजी आप्त सचिव मनोज कुमार सिंह, उसके भाई सुजीत सिंह व सुबोध सिंह और पिता अवधेश कुमार सिंह की तलाश है. पीएमएलए कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) मामले में उक्त सभी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट […]
शकील अख्तर
रांची : मनी लाउंड्रिंग मामले में इडी को मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व निजी आप्त सचिव मनोज कुमार सिंह, उसके भाई सुजीत सिंह व सुबोध सिंह और पिता अवधेश कुमार सिंह की तलाश है.
पीएमएलए कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) मामले में उक्त सभी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. चारों की गिरफ्तारी के लिए रांची, जमशेदपुर और छपरा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गयी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. मंत्री के पूर्व निजी आप्त सचिव पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से 12.95 करोड़ रुपये कमाने का आरोप है.
इनको पकड़ने के लिए कई बार छापेमारी की गयी, लेकिन कोई अभियुक्त पते पर नहीं मिला. रांची में अभियुक्तों का पता रातू रोड व जमशेदपुर में क्वार्टर नंबर 5/एल-4, थाना-सिदगोड़ा दर्ज है. इन अभियुक्तों का पता बिहार के छपरा जिले में थाना दरियापुर, ग्राम-तारवां मगरपाल है. इडी ने इन अभियुक्तों को पकड़ने के लिए पुलिस से भी अनुरोध किया है.
बैंक में फिक्स डिपोजिट कराया, अलग-अलग बचत खाते में रखे रुपये इडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मनोज कुमार सिंह ने मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी और पूर्व प्रोटेम स्पीकर मृगेंद्र प्रताप सिंह के निजी आप्त सचिव के रूप में काम किया.
वह अगस्त 2004 से दिसंबर 2004 तक मृगेंद्र प्रताप सिंह के निजी आप्त सचिव थे. नौ अक्तूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के निजी आप्त सचिव रहे. उस वक्त चंद्रप्रकाश चौधरी पेयजल स्वच्छता और विज्ञान प्रावैधिकी मंत्री थे.
रिपोर्ट के अनुसार, मनोज ने अपने रिश्तेदारों ने नाम पर बैंकों में पैसा जमा कर अवैध कमाई को सही ठहराने की कोशिश की. इसमें पिता अवधेश कुमार सिंह, भाई सुजीत कुमार सिंह और सुबोध कुमार सिंह ने मदद की. उसने अपने नाम पर 12 करोड़ 54 लाख 45 हजार 994 रुपये और पत्नी रिनु सिंह के नाम बैंक में फिक्स डिपोजिट किया.
बेटी सुमी और पिता अवधेश कुमार सिंह के नाम पर 12.75 लाख रुपये का फिक्स डिपोजिट किया. साथ ही 28 लाख 26 हजार 977 रुपये अलग-अलग बचत खातों में रखा. आयकर विभाग की कार्रवाई में मनोज सिंह का फिक्स डिपोजिट पकड़ में आने के बाद निगरानी ने वर्ष 2009 में प्राथमिकी दर्ज की.
वर्ष 2010 में उसके खिलाफ जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. इसके बाद इडी ने मनोज के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की. इडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पीएमएलए कोर्ट ने उसके दो भाई और पिता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया.
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