शहर में छठ पूजा के प्रमुख स्थलों की स्थिति नारकीय, स्वर्णरेखा का पानी काला, हरमू नदी बनी नाला

रांची : रांची के नगड़ी भदवा से निकलने वाली स्वर्णरेखा नदी का पानी काला हो गया है. उदगम के बाद कम दूरी पर ही नदी का प्रदूषित हो जाना चिंताजनक है. अब छठ व्रतियों की समझ में नहीं आ रहा कि इसकी वजह क्या है. बीते कई वर्षों में इस नदी का पानी इतना गंदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2018 1:10 AM
रांची : रांची के नगड़ी भदवा से निकलने वाली स्वर्णरेखा नदी का पानी काला हो गया है. उदगम के बाद कम दूरी पर ही नदी का प्रदूषित हो जाना चिंताजनक है. अब छठ व्रतियों की समझ में नहीं आ रहा कि इसकी वजह क्या है. बीते कई वर्षों में इस नदी का पानी इतना गंदा और बदबूदार कभी नहीं हुआ था, जितना इस बार है. पानी में इतनी दुर्गंध है कि छठ व्रतियों को इससे स्नान करना भारी पड़ सकता है.
घाघरा नामकुम से लेकर नामकुम, जोरार व टाटीसिलवे तक कई छठ घाट हैं, जहां छठ पूजा होती है. पर इस बार लोग परेशान हैं. नदी के पानी के गंदा होने का स्रोत कहां है, यह पता नहीं चला है. टाटीसिलवे में टाटी पश्चिमी पंचायत के समिति सदस्य शैलेश मिश्र व अन्य युवाअों ने टाटीसिलवे से महिलौंग तक इसका पता लगाने की कोशिश की, लेकिन गंदगी का स्रोत नहीं मिला.
दरअसल, नदी का पानी घाघरा में भी काला दिखता है. यानी गंदगी का स्रोत इससे भी पहले है. संभवत: शहर के नाले का गंदा पानी नदी को दूषित कर रहा है. छठ घाटों को व्रत लायक बनाने की कोशिश हो रही है. टाटीसिलवे में नदी से प्लास्टिक व अन्य चीजें निकाली जा रही हैं, लेकिन लगता नहीं है कि इससे कोई खास फायदा होगा.
  • लोगों ने प्रदूषण की वजह खोजने का किया प्रयास पर नहीं मिली सफलता
  • छठ घाटों को पूजा के लायक बनाने की कोशिश में जुटे हैं स्थानीय लोग
नदियों में प्रदूषण
बीआइटी मेसरा के विद्यार्थियों की कुछ वर्ष पहले एक शोध रिपोर्ट आयी थी. इसमें खुलासा हुआ था कि राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नदी स्वर्णरेखा में विभिन्न स्थलों पर विभिन्न रसायन मानक स्तर से अधिक मात्रा में पाये गये थे. हटिया डैम से पहले नदी में मरकरी, कीटनाशक व लोहा, टाटीसिलवे में कीटनाशक, लोहा व मरकरी, हीनू नदी व स्वर्णरेखा के संगम से पहले कम ऑक्सीजन व अत्यधिक आयरन, बड़ा घाघरा के पास हिनू नदी में अधिक आयरन व मरकरी तथा स्वर्णरेखा के संगम स्थल से पहले हरमू नदी में अधिक आयरन, अत्यधिक मरकरी व सोडियम सहित ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम पायी गयी थी.
एक फीट भी पानी नहीं दिखता हरमू नदी में, यहां छठ पूजा की बात बेमानी
रांची : कभी रांची की जीवन रेखा मानी जानेवाली हरमू नदी आज नाले की शक्ल में नजर आती है. कुछ अपवाद को छोड़ दिया जाये, तो नदी में एक फीट पानी भी नहीं दिखाई देता है. नदी में अब छठ पूजा का आयोजन सपना जैसा बन गया है. नदी के दूषित और काले पानी देखते हुए लोग ने भी यहां छठ पूजा के आयोजन से ताैबा कर ली है. पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नगर से लेकर मुक्तिधाम तक छठ पूजा करते थे. उस समय नदी में पानी भी रहता था.
जीर्णोद्धार के नाम पर हरमू नदी को बर्बाद कर दिया गया
हरमू नदी को पुनर्जीवित करने के लिए जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है. लेकिन जीर्णोद्धार के नाम पर इस नदी को नाले में तब्दील कर दिया गया है. कई जगहों पर कार्य अभी बाकी है. अधिकतर जगहों पर नदी का पाट सिकुड़ सा गया है. नदी में जो पानी बहता है, उसका रंग गाढ़ा काला है. पानी के साथ पॉलिथीन, कूड़ा-कचरा भी बह रहा है.
नदी की तलहटी में हर जगह कूड़ा-कचरा बहता हुआ देखा जा सकता है. अोवरब्रिज से लेकर गंगा नगर तक नदी की यही स्थिति है. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नदी में आ रहा है, जिसने नदी को प्रदूषित कर दिया है. बकाैल हरमू निवासी केपी यादव ने बताया कि सरकार ने नदी को नाला बना दिया है. नदी का पाट कम हो गया है. घरों का गंदा पानी नदी में जा कर उसे प्रदूषित कर रहा है. इसे देखनेवाला कोई नहीं है. मजूबरन श्रद्धालुअों को छठ पूजा के लिए अन्यत्र जाना पड़ रहा है.
हरमू नदी के ऊपरी हिस्से गंगा नगर में कुछ युवकों और बच्चों ने नदी को पत्थर से बांध दिया है. साथ ही साफ-सफाई कर यहां
घाट बना रहे हैं, ताकि छठव्रती यहां आराम से अर्घ दे सकें.
कांके डैम के कीचड़ और काई में होगी छठ पूजा
रांची : कांके डैम के पानी में कहीं काई जमी है, तो कहीं गंदगी की वजह से पानी काला हो गया है. देवी मंडप रोड सरोवर नगर की अोर से डैम का पानी काफी गंदा है. छठव्रतियों को ऐसी स्थिति में ही अर्घ देना पड़ेगा. किनारे पर घास भी उगी हुई है. कही-कहीं पर पानी काफी गहरा है. वहां पानी में उतरना खतरनाक है. इन सब परेशानियों के बीच अब तक न तो रांची नगर निगम द्वारा यहां सफाई शुरू की गयी है और न ही डेंजर जोन चिह्नित किया गया है.
हालांकि, छठ पूजा करनेवाले लोग घाट तैयार करने लगे हैं. पहले जहां डैम के किनारे पर खेत हुआ करते थे, वहां तक पानी जमा रहता था, अब वहां न तो खेत रह गया है आैर न ही पानी जमा है. मैदान सिकुड़ सा गया है. जो खाली मैदान हुआ करता था, उसके अधिकांंश हिस्से पर मकान बन गये हैं. जो खेत हुआ करते थे, उस जमीन पर घास उगी हुई है.
डैम के पानी में कचरा भी पड़ा दिखता है. घरों से निकल रहा गंदा पानी सीधे डैम के पानी में मिल कर उसे प्रदूषित कर रहा है. लोग डैम में पूजन सामग्रियों को भी प्रवाहित करते हैं. उधर सीएमपीडीआइ की अोर से कांके डैम के घाट की साफ-सफाई तो की गयी है, लेकिन पानी काफी गंदा है.
आसपास के घरों का गंदा पानी सीधे जा रहा डैम में किनारे पर जमी है घास
रांची नगर निगम की ओर से अब तक नहीं करायी गयी है घाटों की सफाई कई जगह पानी भी गहरा है, लेकिन डेंजर जोन भी चिह्नित नहीं किया गया
नगर निगम ने शुरू करायी तालाबों और छठ घाटों की सफाई, लेकिन अब भी कई जगहों पर गंदगी
रांची : छठ महापर्व के मद्देनजर रांची नगर निगम ने राजधानी के तालाबाेें की सफाई का काम तेज कर दिया है. कुछ प्रमुख तालाबों की सफाई शुरू कर दी गयी है, लेकिन अब भी कई तालाबों में गंदगी का अंबार है. वहीं, जिन तालाबों की सफाई की गयी है, उनसे निकाला गया कचरा तालाब के किनारे ही छोड़ दिया गया है. इस वजह से यह कचरा वापस तालाब में जा रहा है.
बड़ा तालाब, बटन तालाब और कांके डैम के पास सफाई शुरू कर दी गयी है, लेकिन अब भी तालाब पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है. वहीं, न्यूनगर तालाब में भी सफाई शुरू कर दी गयी है. इधर, अपर नगर आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को शहर के तालाबों की सफाई का निरीक्षण किया.
उन्होंने सरोवर नगर, हरमू कच्चा तालाब, पहाड़ी मंदिर के पीछे स्थित तालाब, मधुकम तालाब, अरगोड़ा तालाब, हाउसिंग कॉलोनी तालाब, बनस तालाब, चुटिया तालाब, बूटी बस्ती तालाब व पीएचइडी तालाब का जायजा लिया. साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को तालाबों के डेंजर जोन तय कर उसकी घेराबंदी करने का निर्देश भी दिया.

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