रांची को कैंसर हॉस्पिटल की सौगात, 12 से 18 माह में होगा तैयार, अटेंडेंट के लिए बनेगा हॉस्टल
रांची : कांके के सुकुरहुट्टू में बननेवाले कैंसर अस्पताल के शिलान्यास समारोह में टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमण ने कहा कि 12 से 18 माह में पहले चरण का काम पूरा हो जायेगा. 23.5 एकड़ में अस्पताल का निर्माण किया जायेगा. दो वर्ष बाद यहां मरीजों का इलाज भी शुरू हो जायेगा. उन्होंने […]
रांची : कांके के सुकुरहुट्टू में बननेवाले कैंसर अस्पताल के शिलान्यास समारोह में टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमण ने कहा कि 12 से 18 माह में पहले चरण का काम पूरा हो जायेगा. 23.5 एकड़ में अस्पताल का निर्माण किया जायेगा. दो वर्ष बाद यहां मरीजों का इलाज भी शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट लोक हित में यह काम कर रहा है.
पिछले कुछ वर्षों में कैंसर का इलाज आसान हुआ है. अब सही समय पर बीमारी पकड़ में आ जाने पर इलाज हो जाता है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. यह स्टेट ऑफ आर्ट हॉस्पिटल होगा. यह पहला अस्पताल होगा, जहां मरीजों के अटेंडेंट के लिए हॉस्टल की भी सुविधा होगी.
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि भविष्य में इसके विस्तार की योजना भी है. इससे पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी फायदा होगा. यहां अनुसंधान का काम भी होगा. वर्तमान सरकार ने तीन और मेडिकल कॉलेज तैयार कर लिया है. दो कॉलेज पाइप लाइन में है. देवघर में भी एम्स का निर्माण कार्य शुरू हो गया है.
अगले साल के अप्रैल माह से इन मेडिकल कॉलेजों में किराये का मकान लेकर ओपीडी और पढ़ाई का काम शुरू किया जायेगा. इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत के तहत आनेवाले मरीजों को भी लाभ होगा. मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि कैंसर का इलाज कराने वाला परिवार खुद को असहाय महसूस करता है. यह सरकार और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए चुनौती है. 2017 में आयी यह परिकल्पना अब जमीन पर उतरने की तैयारी में है.
मुख्यमंत्री व रतन टाटा को सौंपा ज्ञापन
कदमा गांव के विस्थापितों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा व सांसद रामटहल चौधरी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा है कि कदमा के लोगों ने रिनपास के निर्माण के समय भूमि दी थी. भूमि अधिग्रहण के बाद ग्रामीणों के पास जीविका के नाम मात्र की कृषि योग्य भूमि बची है. इसलिए ग्रामीणों को निर्माण होने वाले कैंसर अस्पताल में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर शत-प्रतिशत नौकरी दी जाये.
आवासीय परिसर भी होगा
यहां डॉक्टर और स्टाफ के लिए आवासीय परिसर भी होगा. यहां नेचुरोपैथी से हीलिंग के लिए एक पार्क का निर्माण भी होगा, जहां कैंसर मरीज खुली हवा में घूम सकेंगे. एसपीवी की शर्त्तों के अनुसार, राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कैंसर केयर सेंटर और छह कंप्रेहेंसिव कैंसर केयर सेंटर एवं जिला अस्पतालों के पास सात डायग्नोस्टिक एंड डे केयर क्लिनिक की भी स्थापना होगी. कैंसर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कैंसर केयर सेंटर व कंप्रेहेंसिव कैंसर केयर सेंटर की स्थापना दो फेज में होगी.
यह वर्ल्ड क्लास का हॉस्पिटल होगा : नरेंद्रन
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि मोमेंटम झारखंड के समय यह कल्पना की गयी थी. अब यह जमीन पर उतर रही है. यह वर्ल्ड क्लास का हॉस्पिटल होगा. पूर्वी भारत के लिए एक अस्पताल कोलकाता में खोला गया है. कंपनी पिछले 100 साल से कम्युनिटी के साथ मिलकर काम कर रही है. नियम है कि मुनाफा का दो फीसदी सीएसआर में खर्च करना है, जबकि टाटा कंपनी छह फीसदी तक खर्च करती है. टाटा देश के लिए कुछ करने की जिम्मेदारी निभाती है.
राज्य में एक लाख लोग प्रति वर्ष कैंसर के होते हैं शिकार
स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि राज्य में करीब एक लाख लोग प्रति वर्ष कैंसर के शिकार होते हैं. इसमें 80% की पहचान अंतिम चरण में होती है. शीघ्र पहचान हो जाने से इसका इलाज संभव है. झारखंड में इसके इलाज की उन्नत सेवा नहीं होने के कारण लोगों को बाहर जाना पड़ता है. इसमें बड़ी राशि भी खर्च हो रही है.अस्पताल बनने से यहां के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. धन्यवाद ज्ञापन टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक (एकेडमिक) कैलाश शर्मा ने किया.
स्पेशल पर्पस व्हीकल के लिए हुआ एमओयू
टाटा ट्रस्ट और झारखंड सरकार के बीच कैंसर केयर के लिए एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) बनाया गया है. इसके लिए रतन टाटा और रघुवर दास के सामने एमओयू पर साइन किया गया. टाटा ट्रस्ट की ओर से मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमण व राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने एमओयू पर साइन किया.
इस अस्पताल का संचालन राज्य सरकार और रतन टाटा के ट्रस्ट के सहयोग से होगा. 302 बेड का यह अस्पताल बनेगा. टाटा कैंसर हॉस्पिटल कोलकाता और भुवनेश्वर के एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में रांची के कैंसर हॉस्पिटल का संचालन होगा. टीएमएच मुंबई के कैंसर अस्पताल के विशेषज्ञों का सहयोग भी मिलेगा.