पारा शिक्षकों को सरकार ने बहुत कुछ दिया है : परियोजना
रांची : स्थापना दिवस समारोह में बाधा उत्पन्न करने की संभावना को देखते हुए झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने पारा शिक्षकों के मामले में स्थिति स्पष्ट की है. कहा गया है कि सरकार ने पारा शिक्षकों के मामले में समय-समय पर उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करते हुए उनके हित में ही फैसला लिया […]
रांची : स्थापना दिवस समारोह में बाधा उत्पन्न करने की संभावना को देखते हुए झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने पारा शिक्षकों के मामले में स्थिति स्पष्ट की है. कहा गया है कि सरकार ने पारा शिक्षकों के मामले में समय-समय पर उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करते हुए उनके हित में ही फैसला लिया है.
26 अगस्त को सरकार के साथ पारा शिक्षक महासंघ की हुई वार्ता के दाैरान समझाैते के आलोक में जिन बिंदुअों पर सहमति बनी थी, उसका अनुपालन किया जा चुका है. पारा शिक्षकों के मामले में गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के आलोक में कार्रवाई की जा रही है. जेटेट पास पारा शिक्षकों की अनुमान्य अवधि पांच साल से बढ़ा कर सात वर्ष करना प्रस्तावित है.
इस पर कार्रवाई चल रही है. पारा शिक्षक कल्याण कोष के लिए पांच करोड़ की मांग के बदले 10 करोड़ की सरकारी राशि से कल्याण कोष का गठन किया जा रहा है. मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है. उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित टेट पास पारा शिक्षकों को प्रतिमाह 12,000 रुपये तथा प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 11,000 रुपये प्रतिमाह नियत मानदेय देने पर कार्रवाई जारी है.
पारा शिक्षकों की सेवा संतोषप्रद होने की स्थिति में 60 वर्षों तक उनकी सेवा लेने की अनुमति के लिए पहले ही वर्ष 2016 में ही पत्र जारी किया गया था. वर्ष 2015 में हुए समझाैते के आलोक में महिला पारा शिक्षकों को अन्य सरकारी शिक्षकों की तहत मातृत्व अवकाश, विशेष अवकाश की भी स्वीकृति दी जा चुकी है.
प्रारंभिक विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के विरुद्ध 50 प्रतिशत पद पारा शिक्षकों के लिए निर्धारित करते हुए नियमावली लागू की गयी है. सरकार द्वारा सकारात्मक पहल के बावजूद एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा असहयोगात्मक रवैया अपनाना उचित नहीं है. पारा शिक्षक छात्रहित में विद्यालय में रह कर पठन-पाठन का कार्य सामान्य दिनों की तरह करना सुनिश्चित करें.