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रांची : 17 से 19 तक अर्चक-पुरोहित अभ्यास वर्ग, 20 नवंबर को होगा संत सम्मेलन
रांची : भारत वर्ष मंदिरों का देश है, कन्याकुमारी से लेकर हिमालय व गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक लाखों मंदिर स्थापित हैं और वे अास्था के केंद्र बने हुए हैं. इन मंदिरों की व्यवस्था देखभाल के लिए समितियां बनी हैं तथा पूजा-अर्चना भी नियमित ढंग से पद्धति के अनुसार होती है. लेकिन अनेक मंदिरों […]
रांची : भारत वर्ष मंदिरों का देश है, कन्याकुमारी से लेकर हिमालय व गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक लाखों मंदिर स्थापित हैं और वे अास्था के केंद्र बने हुए हैं. इन मंदिरों की व्यवस्था देखभाल के लिए समितियां बनी हैं तथा पूजा-अर्चना भी नियमित ढंग से पद्धति के अनुसार होती है. लेकिन अनेक मंदिरों में आराधना अर्चक-पुजारी के अभाव में होने लगे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ऐसे क्षेत्रों के गांवों से पूजन में रुचि रखने वाले भक्तों को प्रशिक्षण देकर इस कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में जगन्नाथपुर के नीलाद्री भवन परिसर धुर्वा में 17-19 नवंबर तक अर्चक-पुरोहित अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया है. यह बातें विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष चंद्रकांत रायपत, अर्चन-पुजारी अभ्यास वर्ग सर्व व्यवस्था प्रमुख मिथिलेश्वर मिश्रा व विहिप के क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए किशोरगंज स्थित कार्यालय में कही.
तीन दिनों तक पूजन, कर्मकांड पूजा पद्धति, श्लोक, आरती एवं अन्य पद्धति विषय पर पंडितों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा. 20 नवंबर को प्रात: नौ बजे से जगन्नाथ मंदिर के नीलाद्री भवन में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रांत के सभी पूज्य संत जनों व पाहन-पूजारियों का आगमन हो रहा है.
सम्मेलन में मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे भी उपस्थित रहेंगे. प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू, क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल, ध्रुवदेव तिवारी, अमर प्रसाद, स्वामी दिव्यानंद, स्वामी दिव्यज्ञान सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
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