रांची : वरिष्ठ नागरिकों, सैनिकों व दिव्यांगों के लिए होल्डिंग टैक्स छूट का प्रावधान करें

नगर विकास सचिव ने दिया निर्देश नगर विकास सचिव ने अधिकारियों को दिया निर्देश बड़े होटलों और छोटे होटलों का टैक्स स्लैब अलग-अलग तरीके से निर्धारित करें विभिन्न शहरों के एनुअल रेंटल वैल्यू में अव्यावहारिक वेरिएशन को भी दूर करें 39 नगर निकायों में टैक्स वसूली कर रही तीनों एजेंसियां अपना-अपना लक्ष्य पूरा करें रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 12:53 AM
नगर विकास सचिव ने दिया निर्देश
नगर विकास सचिव ने अधिकारियों को दिया निर्देश
बड़े होटलों और छोटे होटलों का टैक्स स्लैब अलग-अलग तरीके से निर्धारित करें
विभिन्न शहरों के एनुअल रेंटल वैल्यू में अव्यावहारिक वेरिएशन को भी दूर करें
39 नगर निकायों में टैक्स वसूली कर रही तीनों एजेंसियां अपना-अपना लक्ष्य पूरा करें
रांची : नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने सिटीजन रिलीफ की तर्ज पर वरिष्ठ नागरिकों, सेना के जवानों, दिव्यांगों आदि के लिए टैक्स में छूट दिये जाने के प्रावधान करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही बड़े होटलों और छोटे होटलों का टैक्स लैब अलग-अलग तरीके से निर्धारित करने के लिए कहा. श्री सिंह मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में राज्य के नगर निकायों में नागरिक सुविधाओं के बदले वसूले जाने वाले होल्डिंग टैक्स की समीक्षा कर रहे थे.
समीक्षा के दौरान नगर विकास सचिव ने विभिन्न शहरों के एनुअल रेंटल वैल्यू में अव्यावहारिक वेरिएशन को भी दूर करने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने जमशेदपुर और धनबाद को छोड़ 39 नगर निकायों में टैक्स वसूली का काम कर रही तीनों एजेंसियों रितिका प्रिंटेक प्राइवेट लिमिटेड, स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड और श्री पब्लिकेशन को निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिये.
कहा कि चिह्नित हाउसहोल्ड से वसूली सुनिश्चित की जाये. सचिव ने कहा कि नगर निकायों में निर्धारित टैक्स के वेरियेशन को कम किया जाये. शहरों के मुताबिक टैक्स का निर्धारण किया जाये. होटलों से वसूले जाने वाले टैक्स को उनकी ग्रेडिंग के मुताबिक तय करें.
टैक्स कलेक्शन एजेंसी का सत्यापन पीएमयू के जरिये करायें
नगर विकास सचिव ने टैक्स कलेक्शन करने वाली एजेंसी का सत्यापन पीएमयू के माध्यम से कराने का निर्देश दिया. कहा कि एजेंसी टैक्स कलेक्शन में सेंसस के हिसाब से मौजूद हाउसहोल्ड और टैक्स दे रहे हाउसहोल्ड के बीच का गैप समाप्त करें. 2018 सेंसस के मुताबिक धनबाद और जमशेदपुर को छोड़ प्रदेश के 39 नगर निकायों में कुल 786000 हाउसहोल्ड हैं.
जबकि टैक्स वसूली के लिए चिह्नित एजेंसियों द्वारा 630000 हाउसहोल्ड को ही टैक्स वसूली के चिह्नित किया गया है. लगभग डेढ़ लाख घरों से अब भी टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है. इन घरों से वसूली सुनिश्चित होनी चाहिए.
137 करोड़ रुपये बकाया, वसूली केवल 61 करोड़ रुपये की हीसमीक्षा बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों ने सचिव को बताया कि राज्य के 39 शहरों से 2018-19 में 137 करोड़ रुपये टैक्स वसूली के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक केवल 61 करोड़ रुपये ही वसूले जा सके हैं.
बैठक में नगर आयुक्त मनोज कुमार, डायरेक्टरेट ऑफ म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन के निदेशक आशीष सिंहमार, स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक अमित कुमार, ज्वाइंट सेक्रेट्री एके रतन, डिप्टी सेक्रेटरी मनीषा जोसेफ तिग्गा, रामकृष्ण कुमार समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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