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रांची : कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है आरआरडीए

रांची : रांची नगर निगम क्षेत्र से बाहर के इलाकों के विकास की जिम्मेदारी रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) की है, लेकिन प्राधिकार की अनदेखी के कारण शहर के बाहर के इलाकों का विकास पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. आलम यह है कि मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण आरआरडीए के कई क्षेत्रों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2018 1:18 AM
रांची : रांची नगर निगम क्षेत्र से बाहर के इलाकों के विकास की जिम्मेदारी रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) की है, लेकिन प्राधिकार की अनदेखी के कारण शहर के बाहर के इलाकों का विकास पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. आलम यह है कि मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण आरआरडीए के कई क्षेत्रों में तेजी से अवैध निर्माण हो रहा है. जिसकी फिक्र न तो आरआरडीए को है और न ही सरकार को.
कर्मचारियाें की कमी भी बड़ा कारण
दूसरी तरफ, बात अगर रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के कार्यों की करें तो रांची शहर के बाहर के 320 से अधिक राजस्व ग्रामों के विकास का जिम्मा इसके ऊपर है. लेकिन आरआरडीए लंबे समय के बाद भी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. वर्तमान में आरआरडीए में जहां जेइ के स्वीकृत पद 25 हैं वहीं एक जेइ कार्यरत है.
सात सहायक अभियंता में से एक कार्यरत है. इस एक सहायक अभियंता के पास नगर विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार है. इस कारण सहायक अभियंता का अधिकांश समय विभाग में ही बीत जाता है. वहीं तीन कार्यपालक अभियंता के स्वीकृत पदों के विरुद्ध प्राधिकार में केवल एक कार्यपालक अभियंता कार्यरत है.
कमी होने के बाद भी बहाली नहीं करने देता है विभाग
अभियंताओं की कमी को देखते हुए आरआरडीए बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया था कि पांच जेइ को संविदा पर रखा जायेगा. बोर्ड से स्वीकृत इस प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए नगर विकास विभाग भेजा गया, लेकिन विभाग ने भी अनुमोदन नहीं दिया.
पद कार्यरत
25 जेइ एक
सात एइ एक
तीन इइ एक
320 से अधिक राजस्व ग्रामों के विकास का जिम्मा है आरआरडीए के ऊपर.
वर्तमान में आरआरडीए में मैनपावर की काफी कमी है. इस कारण शहर के बाहर हो रहे अवैध निर्माण पर अंकुश लगाना कठिन हो रहा है. मैनपावर बढ़ाने के लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन विभाग भी गंभीर नहीं है़
परमा सिंह, अध्यक्ष आरआरडीए

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