रांची : सिर्फ नाम के लिए चल रहा है फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, बंद कर देना बेहतर

रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, रांची (एफएसएल) में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी पर कड़ी नाराजगी जतायी. अदालत ने कहा कि एफएसएल नाम के लिए चल रहा है. यही स्थिति रहती है, तो चलाने से अच्छा इसे बंद कर देना बेहतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2018 9:52 AM
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, रांची (एफएसएल) में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी पर कड़ी नाराजगी जतायी. अदालत ने कहा कि एफएसएल नाम के लिए चल रहा है.
यही स्थिति रहती है, तो चलाने से अच्छा इसे बंद कर देना बेहतर रहेगा. संस्थान में न तो प्रमुख हैं और न ही कोई अधिकारी. इस तरह के इंस्टीयूशन से रिजल्ट की उम्मीद करना सही नहीं होगा. अदालत ने गृह सचिव के शपथ पत्र को देखने के दाैरान उक्त टिप्पणी की. नाराज अदालत ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गयी. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से गृह सचिव द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया. इसमें स्वीकार किया गया कि संस्थान में कर्मियों का अभाव है.
अधिकतर स्वीकृत पद खाली हैं. निदेशक व अपर निदेशक का पद भी खाली है. विज्ञान सहायक के 84 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 20 कर्मी कार्यरत हैं. एक उप निदेशक हैं, जबकि एक उप निदेशक का पद रिक्त है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में अदालत ने गृह सचिव को शपथ पत्र दायर कर एफएसएल रांची में स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी देने का निर्देश दिया था.

Next Article

Exit mobile version