झारखंड के 28 लाख किसानों को मिलेगा तीन वर्ष में मुफ्त मोबाइल फोन : मुख्यमंत्री

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को यहां कहा कि राज्य के 28 लाख किसानों को बिचौलियों से बचाने और नयी जानकारियों से लैस करने के मकसद से सरकार अगले तीन वर्षों में इन सभी को मुफ्त मोबाइल फोन देगी. मुख्यमंत्री ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं खाद्य शिखर सम्मेलन के उद्घाटन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2018 10:26 PM

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को यहां कहा कि राज्य के 28 लाख किसानों को बिचौलियों से बचाने और नयी जानकारियों से लैस करने के मकसद से सरकार अगले तीन वर्षों में इन सभी को मुफ्त मोबाइल फोन देगी.

मुख्यमंत्री ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं खाद्य शिखर सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कहा कि राज्य के किसानों को बिचैलियों से मुक्ति प्रदान करने, बाजार में पल-पल चीजों के भाव से अवगत कराने और समय के अनुरूप अपने फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के 28 लाख किसानों को सरकार निःशुल्क मोबाइल फोन प्रदान करेगी ताकि हमारे किसान भी बाजार के बदलते परिवेश के अनुसार खुद को ढाल सकें.

दास ने कहा कि राज्य सरकार कृषि कार्य हेतु मई 2019 तक किसानों के लिए अलग बिजली फीडर की व्यवस्था करेगी, जहां से छह घंटे कृषि कार्य के लिए बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी. सरकार की मंशा किसानों के लिए अलग फीडर, उद्योग के लिए अलग फीडर और आम जनता के लिए अलग फीडर लगाने की है जिस पर कार्य हो रहा है. 2018 दिसंबर तक सुदूरवर्ती सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी जायेगी.

रघुवर दास ने कहा कि किसान सिर्फ सब्जी उत्पादन में ही केंद्रित न रहें. कृषि कार्य के साथ बागवानी, पशुपालन और सोलर फार्मिंग पर भी ध्यान दें. सरकार इन कार्यों में आपको सहयोग प्रदान करेगी. सोलर फार्मिंग करने वाले किसानों की बिजली तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद ली जायेगी. अगर किसान खेती के साथ अन्य व्यावसायिक आयामों को भी साथ लेकर कार्य करते हैं तो 2022 तक किसानों की आय दोगुना नहीं चार गुना हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान किसान डेयरी उद्योग की ओर ध्यान दें. उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान पर गाय उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने 25 हजार महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान पर दो गायें उपलब्ध करायी हैं. इसके अलावा, अगर कोई किसान कृषि लोन का भुगतान अगर एक वर्ष के अंदर कर देता है तो उस किसान को ब्याज देने की जरूरत नहीं, उस ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी.

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