इजरायल जानेवाले झारखंड के दो किसानों ने साझा किये अनुभव

समिट के दौरान इजरायल जाने वाले खूंटी के किसान बिरसा मुंडा व श्रीमंत कुमार मिश्रा ने अनुभव साझा किये. कहा कि खेती से उनकी जिंदगी में बदलाव आया. बिरसा मुंडा ने कहा कि 2009 में 2000 रुपये से शकरकंद की खेती की. फिर अदरख की खेती शुरू की. 140 किलो अदरख का उत्पादन किया. वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2018 6:49 AM
समिट के दौरान इजरायल जाने वाले खूंटी के किसान बिरसा मुंडा व श्रीमंत कुमार मिश्रा ने अनुभव साझा किये. कहा कि खेती से उनकी जिंदगी में बदलाव आया. बिरसा मुंडा ने कहा कि 2009 में 2000 रुपये से शकरकंद की खेती की. फिर अदरख की खेती शुरू की. 140 किलो अदरख का उत्पादन किया. वे अब बेड़ो में लोगों को अदरख व आलू की खेती के लिए बढ़ावा दे रहे हैं. सरकार की ओर से बीज और ट्रैक्टर भी मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल में कम पानी में उन्नत खेती करने की तकनीक को नजदीक से देखा. ड्रिप इरीगेशन को भी देखा जहां सेंसर मशीन लगाकर कार्य किया जाता है.
ग्रुप फार्मिंग के क्रियान्वयन को समझने का मौका मिला. डेयरी उद्योग में गायों में सेंसरयुक्त बेल्ट लगा कर दुग्ध उत्पादन की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. श्रीमंत कुमार मिश्रा ने कहा वे 2002 में सरकार की ओर से चलाये गये जलछाजन के कार्यक्रम से जुड़ कर खेती का काम शुरू किया. हमने अपने गांव के लोगों को संगठित करके जल छाजन के क्षेत्र में कार्य किया. जल का संचयन कर कृषि के क्षेत्र में गांव का विकास किया. आज वर्षा जल का संचयन कर गांव में सालों भर खेती हो रही है. उचित जल प्रबंधन के कारण इजरायल में चारों ओर हरियाली दिखायी देती है.

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