रांची : एनएच चौड़ीकरण के नाम पर कितने पेड़ काटे गये

रांची : हाइकोर्ट में गुरुवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) के फोर लेनिंग कार्य व पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों, रिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2018 9:15 AM
रांची : हाइकोर्ट में गुरुवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) के फोर लेनिंग कार्य व पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों, रिंग रोड सहित अन्य मार्गों के चाैड़ीकरण के नाम पर अब तक कितने पेड़ काटे गये, कितने पेड़ों का पुनर्वास किया गया और पेड़ काटने के बदले कितने पेड़ लगाये गये हैं. खंडपीठ ने विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से दायर करने का निर्देश दिया.
साै-साै साल पुराने पेड़ कटे हैं: खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि रांची-पलामू एनएच के चाैड़ीकरण के दाैरान पिस्का मोड़ से कुडू तक पेड़ों की कटाई की गयी है. साै-साै साल पुराने पेड़ों को काटा गया है. सड़क के किनारे पेड़ नजर नहीं आ रहे हैं. एनएच-73 के चाैड़ीकरण में भी यही स्थिति है.
पेड़ों की सुरक्षा को लेकर कोर्ट ने एक समिति का गठन किया था. मामले की अगली सुनवाई सात जनवरी 2019 को होगी. सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्र ने बताया कि वह वन विभाग से जानकारी लेकर अवगत करायेंगे. डोरंडा से हिनू सड़क के चाैड़ीकरण के दौरान कई पेड़ काटे गये. इसे हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया.

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