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रांची : झाविमो ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प
राजभवन के समक्ष मांगों को लेकर धरना के जरिये झाविमो ने साधा निशाना रांची : झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मौजूदा सरकार से जनता परेशान है. रघुवर सरकार के मकड़जाल में किसान व युवा फंस गये हैं. मेरिट में आने के बावजूद नौकरी नहीं मिल रही है. सरकार संविधान को नहीं […]
राजभवन के समक्ष मांगों को लेकर धरना के जरिये झाविमो ने साधा निशाना
रांची : झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मौजूदा सरकार से जनता परेशान है. रघुवर सरकार के मकड़जाल में किसान व युवा फंस गये हैं. मेरिट में आने के बावजूद नौकरी नहीं मिल रही है.
सरकार संविधान को नहीं मान रही है. अपने हिसाब से काम करना चाहती है. सरकार की कारगुजारियों को गांव-गांव में ले जाना होगा. आज हम सतर्क नहीं हुए, तो सबकुछ लूट जायेगा. श्री मरांडी शुक्रवार को राजभवन के समक्ष धरना को संबोधित कर रहे थे. धरना का आयोजन पारा शिक्षकों पर बर्बरतापूर्ण की गयी कार्रवाई की जांच करने तथा प्लस टू स्कूलों में शिक्षक बहाली में 75 प्रतिशत बाहरी लोगों की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग को लेकर किया गया था़
उन्होंने कहा कि सरकार केवल घोषणाएं कर रही हैं लेकिन, काम नहीं दिखता. हमें मिल कर आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में इस सरकार को बताना होगा कि जनता क्या कर सकती है. हमारी नौकरियां व जमीन लूटी जा रही हैं. सरकार को किसानों की चिंता नहीं है. पारा शिक्षकों पर लाठियां बरसायी जा रही हैं. आज 12 हजार स्कूलों को बंद कर दिया गया. एक स्वर से पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया.
विकास के रथ को रोक दिया है रघुवर सरकार ने : केंद्रीय महासचिव प्रदीप यादव ने कहा कि साढ़े चार वर्षों में रघुवर सरकार ने जिस तरह से तांडव किया है वैसा किसी राज्य की सरकार ने नहीं किया है. श्री यादव ने कहा कि बाबूलाल ने विकास के रथ को आगे बढ़ाया था, जिसे आज रोक दिया गया है. राज्य में शिक्षा का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है. कॉलेज हैं, शिक्षक नहीं हैं. सरकारी आइटीआइ है, पर उसमें प्राचार्य नहीं हैं.
कई कॉलेज प्रभारी प्राचार्य के सहारे चल रहे हैं. पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के बजाये उन पर लाठियां बरसा दी गयीं. रघुवर सरकार ने राज्य की शिक्षा को संकट में डाल दिया है. स्किल बनाने की जगह लोगों को सूअर पालन व गाय पालन सिखाया जा रहा है. इस सरकार की प्राथमिकता सूची में गांव और ग्रामीण नहीं हैं. यहां की नौकरियों में झारखंड के युवाओं की उपेक्षा कर बाहरी लोगों को नौकरी दे दी गयी है. यह तो विडंबना ही है कि इस बात को यहां की शिक्षा मंत्री भी स्वीकार कर रही हैं, लेकिन वे कुछ नहीं कर रही हैं.
उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि किन-किन विभागों में बाहरी लोगों को नौकरियां दी गयीं. श्री यादव ने कहा कि जिस दिन रघुवर दास ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी उस वक्त राज्य में 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था लेकिन, आज मात्र दो सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
उन्होंने रघुवर दास से पूछा कि कहां गया पांच सौ मेगावाट बिजली? वहीं, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने रघुवर सरकार को जम कर कोसा. उन्होंने कहा कि इस सरकार की प्राथमिकता केवल उद्योगपतियों व पूंजीपतियाें को लाभ पहुंचाना है. धरना में रामचंद्र केशरी, राजीव रंजन मिश्रा, सराेज सिंह, खालिद खलील, डॉ आश्रिता कुजूर, दुर्गाचरण पूर्ति, सुरेश साव, योगेंद्र प्रताप, शोभा यादव व उत्तम यादव समेत विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता शामिल हुए.
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