पीएम आवास योजना : लाभुकों को एलॉटमेंट लेटर के आधार पर बैंक लोन देगा

सरकार की प्राथमिकता है कि वैसे परिवार जिनका आशियाना नहीं है, तो उन्हें एक घर देने में सहयोग करें रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम घटक स्लम पुनर्विकास एवं तृतीय घटक भागीदारी में किफायती आवास के तहत राजधानी रांची सहित प्रदेश के नगर निकायों में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 9:06 AM
सरकार की प्राथमिकता है कि वैसे परिवार जिनका आशियाना नहीं है, तो उन्हें एक घर देने में सहयोग करें
रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम घटक स्लम पुनर्विकास एवं तृतीय घटक भागीदारी में किफायती आवास के तहत राजधानी रांची सहित प्रदेश के नगर निकायों में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और शहरी गरीबों को मिलने वाले आवास को लेकर अब सरकार सक्रिय हो गयी है. इस मुद्दे पर बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक हुई, जिसमें लाभुकों के लोन को लेकर चर्चा हुई.
नगर विकास विभाग के सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सब की प्राथमिकता है कि वैसे परिवार जो शहरों में रह रहे हैं लेकिन उनका अपना आशियाना नहीं है, तो उन्हें एक घर देने में सहयोग किया जाये. इसी क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे परिवारों को चिह्नित कर घर देने का काम किया जा रहा है, जिसमें उन्हें सरकार सब्सिडी भी दे रही है.आनेवाले समय में इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर और तेजी से जमीनी स्तर पर लाने की कोशिश होगी.इसमें बैंकों का सहयोग अपेक्षित है. बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग तथा कई बैंकों के अधिकारी मौजूद थे.
जो प्रमुख निर्णय लिये गये
नगर निकायों द्वारा लाभुकों के चयन के बाद उन्हें एलॉटमेंट लेटर दिया जायेगा, जिसके आधार पर बैंक लोन देगा. 15 साल की अवधि (लॉकिंग पीरियड ) पूरा करने और लोन चुकता होने के बाद घर पूरी तरह से लाभुक का हो सकेगा. राज्य और केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त राशि लाभुक को अंशदान के रूप में खुद के पास से या बैंक से लोन ले कर देना होगा.
प्रथम घटक में स्लम में रह रहे लोगों को अंशदान के रूप में लगभग डेढ़ लाख रुपया या तो खुद के पास से या बैंक से ऋण लेकर देना होगा. वहीं, तृतीय घटक में आवास लेने वाले लाभुकों को लगभग 4.5 से 5.5 लाख रुपया अंशदान के रूप में या तो खुद का पैसा या बैंक से ऋण लेकर देना होगा. नियमों को और सरल बनाने को लेकर नगर विकास विभाग और बैंकों की दो टीम रायपुर व गुजरात का दौरा करेगी, उसके आधार पर नियम में बदलाव संभव है.नगर विकास एवं आवास विभाग की फैसिलिटेटर एजेंसी लोगों को सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी देगी.

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