रांची : लालू से मिलकर जब शरद यादव ने कहा, पहले से बेहतर हैं तबियत, राजनीति पर भी हुई चर्चा
रांची : लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रिम्स के पेईंग वार्ड भर्ती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से शनिवार को मुलाकात की. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. शरद यादव ने कहा कि लालू जी से पहले ही मिलना चाह रहा था, लेकिन समय नहीं […]
रांची : लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रिम्स के पेईंग वार्ड भर्ती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से शनिवार को मुलाकात की. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई.
शरद यादव ने कहा कि लालू जी से पहले ही मिलना चाह रहा था, लेकिन समय नहीं मिल पाया. लालू प्रसाद को देख कर लग रहा है कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. देश की राजनीति व वर्तमान में हो रहे चुनाव पर भी बातचीत हुई. श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में जो चुनाव हुए हैं, उसमें पक्का लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी की जीत होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या लाेकतांत्रिक जनता दल का किसी पार्टी में विलय हो सकता है. इस पर श्री यादव ने कहा कि अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. भविष्य में क्या होगा इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. बुलंदशहर की घटना पर उन्होंने कहा कि हृदय विदारक घटना है. साढ़े चार साल में भारतीय संविधान को काफी नुकसान पहुंचाया गया है. भारत के कानून को मार दिया गया है.
केंद्र सरकार के मुखिया ने कहा था कि हम दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे. किसान को लागत का दोगुना देंगे. गंगा को साफ करेंगे. लेकिन एक भी वादे को उन्होंने पूरा नहीं किया. दिन भर वह एक ही काम करते हैं कि भारत की जनता में कैसे बंटवारा हो. कई लोगों की कुर्बानी के बाद संविधान बना है. आज यह खतरे में है. श्री यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले 20-25 राजनीतिक पार्टियाें को निमंत्रण दिया गया है. 10 दिसंबर को पुन: बैठक होने वाली है.
वसुंधरा राजे से पारिवारिक रिश्ता : वसुंधरा राजे को लेकर दिये गये बयान के सवाल पर शरद यादव ने कहा कि उनसे मेरा रिश्ता काफी पुराना है. पारिवारिक रिश्ता है. अगर मेरी किसी बात से उनको तकलीफ हुई है, तो मैं अफसोस जाहिर करता हूं. इसके लिए पत्र भी लिखूंगा.
मोदी से ऊब चुकी है जनता, गोलबंद होगा विपक्ष : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा है कि देश के हालात आज खराब हैं. लोकतंत्र कमजोर हो रहा है. सभी संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.
देश में अघोषित इमरजेंसी है. जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऊब चुकी है. मोदी ने जो कहा था, वह पूरा नहीं हो रहा है. तीन राज्यों के चुनाव परिणाम से जनता के आक्रोश का साफ पता चलता है. विपक्षी ताकतें गोलबंद है. छोटे या बड़े दल का सवाल नहीं है. सभी समान विचारधाराओं को एक मंच पर आना होगा. यह पूछने पर कि राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार है या नहीं. श्री यादव ने कहा कि 1977 हो, 1989 हो या 1996 विपक्ष ने कभी नेता घोषित कर चुनाव नहीं लड़ा है.
सवाल नेता का नहीं है. सवाल हालात से बाहर निकलने का है. बहुत कुर्बानी के बाद संविधान मिला है. इसे बचाना है. पहली प्राथमिकता देश को मोदी से मुक्त करना है. प्रधानमंत्री को पद से हटाना है. फिर परिस्थिति के अनुसार देखा जायेगा. कांग्रेस बड़ी पार्टी है. उसकी अहम भूमिका है. यह पूछने पर कि झारखंड में विपक्षी एकता कायम नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि मैं भी देख रहा हूं कि कोलेबिरा उपचुनाव में कांग्रेस और झामुमो अलग-अलग हैं. सभी से बातचीत करेंगे. एक मंच पर लाने का प्रयास करेंगे.