रांची : हमें मिलने वाले पैसे जनता के, जरूरत हुई तभी खरीदेंगे वेंटिलेटर या अन्य उपकरण

रांची : वेंटिलेटर सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद की मांग लेकर कई विभागों के डॉक्टर रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह के पास पहुंचे थे. इस पर निदेशक ने सवाल किया : वेंटिलेटर का प्रचलन शुरू होने से पहले हमें अंबू बैग का उपयोग कर मरीज की जान बचाने की तकनीक भी बतायी गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2018 9:46 AM
रांची : वेंटिलेटर सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद की मांग लेकर कई विभागों के डॉक्टर रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह के पास पहुंचे थे.
इस पर निदेशक ने सवाल किया : वेंटिलेटर का प्रचलन शुरू होने से पहले हमें अंबू बैग का उपयोग कर मरीज की जान बचाने की तकनीक भी बतायी गयी थी. आप लोग इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं? डॉक्टरों ने निदेशक को बताया कि टेक्नीशियन ने यह कहते हुए उपकरण लौटा दिया कि इसका पार्ट्स अब नहीं मिलते हैं. इस पर निदेशक ने कहा : लगता है कि मशीनों की खरीदारी के बाद उनका उपयोग ही नहीं किया गया है.
निदेशक ने कहा कि मैंने कई विभाग का भ्रमण किया है, जहां वेंटिलेटर सहित कई उपकरण ऐसे ही पड़े हुए हैं. उनका उपयोग ही नहीं किया जाता है. इन मशीनों और उपकरणों को उन विभागाें में स्थानांतरित किया जायेगा, जिन्हें इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है. एनेस्थिसिया विभाग में चार वेंटिलेटर पड़े हुए हैं, उनका इस्तेमाल किया जायेगा. विभागाध्यक्ष अपने विभाग के प्रेजेंटेशन में यह बतायें कि उनको किस उपकरण की आवश्यकता किस लिए ज्यादा है. अस्पताल में एक सेंट्रलाइज वेंटिलेटर विंग होगा, जहां गंभीर मरीजों को रखा जायेगा.
रिम्स से मरीजों को रेफर न करें, इससे छवि खराब होती है
रिम्स निदेशक ने कहा कि जब मरीज हमारे अस्पताल में आता है, तो उसे हर हाल में ठीक करने का प्रयास करना चाहिए. यह देखने को मिल रहा है कि लोग यहां से मरीज रेफर कर देते हैं. अगर हम रेफर करने लगे तो हमारी छवि समाज में कैसी होगी? उन्होंने कहा कि सुपरस्पेशियलिटी विंग को इतना बेहतर किया जायेगा कि हमारी पहचान देश में हो. इलाज के लिए मरीज रिम्स आये. इसके लिए मैनपावर को बढ़ाया जायेगा.
हर विभाग को अपनी स्थिति बताने को कहा गया है. हम चाहते हैं कि वह बतायें कि आखिर क्यों मशीन की खरीदारी करना जरूरी है. सुपरस्पेशियलिटी विंग पर हम ज्यादा जोर देंगे, क्योंकि हम इसी से अपनी पहचान बना सकते हैं.
डॉ डीके सिंह, निदेशक, रिम्स

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